सोने, चांदी के जेवर सहित नगदी रकम लूटकर की थी हत्या
दोनों पक्षों की पैरवी के बाद न्यायाधीश श्री कश्यप ने सुनाई सजा
अभियोजन पक्ष की ओर से एजीपी ज्ञानदास बंजारे ने की पैरवी
सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. लूट की वारदात को अंजाम देकर बुजुर्ग महिला की बेरहमी से हत्या करने वाले आरोपी युवक को न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जानकारी अनुसार 25 जनवरी 2022 की रात्रि थाना छुईखदान के ग्राम मैन्हर में आरोपी डोमन धुर्वे पिता श्यामलाल धुर्वे उम्र 42 वर्ष निवासी ग्राम मैन्हर ने नरबद जंघेल के सूने घर में घूसकर उसकी मां तिजिया बाई से सोने व चांदी के जेवरात सहित नगदी रकम लूटी तथा बुजुर्ग महिला के विरोध करने पर मसाला पीसने वाले सील पत्थर से महिला के सिर पर जानलेवा हमला किया जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। मृतिका के पुत्र नरबद जंघेल ने बताया कि वह अपनी पत्नी व मां के साथ धान बेचने के लिये ग्राम बुंदेली की धान मंडी गया हुआ था जहां से उसकी मां पैदल अपने घर चली गई। पिता किसी काम से ओटेबंद में थे, शाम तकरीबन 7 बजे नरबद व उसके परिजनों ने मृतिका तिजिया बाई को बार-बार उसके मोबाईल पर कॉल किया लेकिन उसने कॉल रिसीव नहीं किया जिसके बाद गांव में ही निवासरत मृतिका के भतीजे हेमूराम को घर भेजा गया जिसने दरवाजा खटखटाकर तिजिया बाई को बहुत आवाज दी लेकिन उसने दरवाजा नहीं खोला। घटना की जानकारी मिलने के बाद पूरा परिवार घर पहुंचा और पीछे दरवाजे को खोलकर परिजन अंदर दाखिल हुये तो देखा कि तिजिया बाई की लाश जमीन पर पड़ी हुई है। सिर की तरफ से खून निकला हुआ है, घर में रखी पेटी टूटी हुई है और सामान अस्त-व्यस्त है। तिजिया बाई द्वारा पहने गये जेवरात भी गायब थे। घटना के बाद प्रार्थी नरबद ने छुईखदान थाने पहुंचकर हत्या की शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद पुलिस ने धारा 302, 201, 397 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर मामले की पड़ताल शुरू की। मौका-ए-वारदात से सोने का जेवरात, करन फूल, एक की-पैड मोबाईल और मृतिका के हाथ की टूटी हुई चूड़ियां जिसमे ंखून लगे हुये थे सहित अन्य सामान जप्त किये गये। गवाहों के बयान व विवेचना में आरोपी डोमन धुर्वे से पूछताछ की गई जिसने लूट की वारदात को अंजाम देकर तिजिया बाई की हत्या करना कबूल किया। आरोपी की निशानदेही पर खून से सना हत्या में प्रयुक्त सील पत्थर, कपड़े व चोरी किये गये सोने-चांदी के जेवरात व नगदी रकम बरामद की गई। तमाम कानूनी कार्यवाही के बाद आरोपी के विरूद्ध न्यायालय में मुकदमा दायर हुआ और दोनों पक्षों की पैरवी के बाद विद्वान न्यायाधीश चंद्रकुमार कश्यप ने उक्त निर्मम हत्या व लूट की वारदात को सभ्य समाज के लिये घातक व गंभीर मानते हुये धारा 302 के तहत आजीवन कारावास व 2000 रूपये का अर्थदंड, धारा 397 के तहत 10 साल की सजा व 1000 का अर्थदंड तथा धारा 201 के तहत 5 वर्ष की सजा व 1000 के अर्थदंड का प्रावधान किया है। सजा की सुनवाई के बाद आरोपी के विरूद्ध जेल वारंट तैयार कर पुनः जेल में दाखिल किया गया है। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक ज्ञानदास बंजारे ने पैरवी की।