राशन घोटाले की जांच करने गये खाद्य अधिकारियों ने सेल्समैन को बचाने बनाई फर्जी जांच रिपोर्ट

विधानसभा में मामला उठने के बाद भी नहीं सुधरा केसीजी का फूड सप्लाई सिस्टम

सेल्समेन के चहेते लोगों से बयान लेकर कोल्डड्रींक पार्टी कर लौट आये अधिकारी

सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. खाद्य विभाग हमेशा सुर्खियों में रहता है, सुर्खियों की वजह विभाग में रसातल तक व्याप्त भ्रष्ट्राचार हैं, चाहे वह राशन गबन का मामला हो या जांच में लापरवाही बरतने का और तो और जांच के बाद कार्रवाई ना करने का मामला हो. खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिला निर्माण के बाद से ही इस तरह के मामले फिर सुर्खियाँ बटोर रहे हैं. नया मामला खैरागढ़ जनपद के ग्राम पंचायत पवनतरा का हैं जहां केन्द्र शासन द्वारा प्रदान की गई अतिरिक्त चांवल को मई 2022 में ग्रामीणों को नहीं दिया गया था. मामले की शिकायत फरवरी माह 2023 में जिला कलेक्टर से शिकायत की गई थी. जिला कलेक्टर ने खाद्य अधिकारी को शिकायत को स्थांनांतरण किया गया था जिसके बाद जिला खाद्य अधिकारी ने अपने अधीनस्थ कर्मचारी खाद्य निरीक्षक विनोद सागर और कृपेन्द्र तिवारी को 28 फरवरी को पवनतरा जांच के लिए भेजा गया था. जहां जांच में पहुंचे अधिकारी द्वारा शिकायत को पूरी तरह झुठा ही बता दिया गया.

मुनादी नहीं, ग्रामीणों को पता ही नहीं चला जांच में कब आये अधिकारी, पंचायत में सेल्समेन ने अपने चहेतों को बुलाकर दर्ज कराया बयान

जांच के लिए जब अधिकारी पवनतरा पंचायत पहुंचे तो वहां पर कोई ग्रामीण मौजूद ही नहीं थे, तो सेल्समेन जो की अभी वर्तमान में सरपंच पति है उसने अपने खासमखास 5 लोगों को फोन लगाकर बुला लिया और जांचकर्ता अधिकारी के समक्ष चोरी-छिपे बयान दर्ज कराया गया. जबकि नियमानुसार गांव में जांच में जाने से पहले जांचकर्ता अधिकारी द्वारा सचिव-सरपंच के माध्यम सेे मुनादी करवाकर या नोटिस निकालकर ग्रामीणों को अवगत कराना था लेकिन अधिकारी द्वारा सेल्समेन को बचाने के लिए मुनादी नहीं कराया गया और नोटिस भी नहीं निकाला गया. दुर्भाग्य तो यह हैं कि जिस सेंल्समेंन के खिलाफ गरीबों का चावल गबन करने की शिकायत की गई थी उसी सेल्समेंन को बयान लेने के लिए व्यक्ति बुलाने को कहां गया, सेल्समैन जो सरपंच पति हैं और पंचायत में उसका रसूख चलता हैं ने अपने चहेते लोगो को बुलाकर पंचायत भवन के चाहर-दीवारी के भीतर अधिकारी के समक्ष बयान दर्ज करा दिया गया.

जांच के लिये नियमानुसार शिकायतकर्ता को बुलाना था, पर आरोपी को बचाने खाद्य अधिकारियों ने इसे जरूरी नहीं समझा

28 फरवरी को जब जांचकर्ता अधिकारी पवनतरा पंहुचे तो जानबूझकर शिकायतकर्ता को बुलाना भूल गये साथ ही ग्रामीणों को भी जांच की प्रक्रिया से पूरी तरह अलग रखा गया और खाद्य अधिकारियों की टीम अपने मातहत सेल्समैन को बचाने फर्जी जांच रिपोर्ट बनाकर लौट आयी. मामले में जब शिकायतकर्ता को पता चला की पवनतरा में राशन घोटाले की जांच हो चुकी है तो वह अचंभित रहा गया. जिसके बाद शिकायतकर्ता ने जिला खाद्य अधिकारी भुवनेश्वर चेलक से संपर्क किया तो उन्होंने बताया की जांचकर्ता अधिकारी अगर शिकायतकर्ता को नहीं बुलाया है तो गलत हैं, शिकायतकर्ता को जांच में जाने से पहलेे फोन या के नोटिस के माध्यम से पहले सूचना देना था.

अंतत: सूचना के अधिकार के तहत घुमा-फिरा कर खाद्य विभाग ने दी जांच रिपोर्ट

जांच में किन-किन तथ्यों पर जांच रिपोर्ट तैयार की गई हैं इसकी जानकारी के लिये शिकायतकर्ता को महीनों घुमाया गया, अंततत: शिकायतकर्ता द्वारा जन सूचना अधिकारी खाद्य विभाग के समक्ष जांच प्रतिवेदन के लिए के सूचना का अधिकार का आवेदन प्रस्तुत किया तब जनसूचना अधिकारी द्वारा जांच प्रतिवेदन दिया गया और जांच रिपोर्ट के आधार पर जब शिकायतकर्ता और मिडिया के अन्य लोगों ने पवनतरा पहुंचकर मामले को लेकर ग्रामीणों से पूछताछ की गई तब पता चला कि खाद्य विभाग के निरीक्षकों ने सेल्समैन के साथ मिलीभगत कर फर्जी रिपोर्ट तैयार की हैं.

जिसका कार्ड में नाम नहीं जांच अधिकारियों ने उसका भी लिया बयान

जांच के लिये पवनतरा पहुंचे अधिकारियों ने ऐसे व्यक्ति का बयान लिया हैं जिसका कार्ड में नाम ही नहीं हैं. पवनतरा निवासी का बृजभूषण वर्मा पिता थारु वर्मा उम्र 63 वर्ष का फरवरी माह तक राशन कार्ड में नाम हीं नहीं फिर भी उससे बयान लेकर जांच में फर्जीवाड़ा किया गया. इस संबंध में जांच अधिकारी विनोद सागर से जब पूछा गया तो वह गोल-मोल जवाब देते हुये कहने लगा कि अगर ऐसी बात हैं तो दुबारा जांच कर लेंगे. मामले में सवाल दुबारा जांच करने का नहीं हैं बल्कि जांच में इतनी लपारवाहीं कैसे बरती गई हैं अब इस बात का हैं.

मई 2022 में गरीबों को मिलना था इतना चांवल

प्राथमिक कार्ड में अतिरिक्त चांवल मिलाकर एक सदस्य होने पर 15 किलो, कार्ड में दो सदस्य होने पर 30 किलो, तीन सदस्य होने पर 50 किलो, चार सदस्य होने पर 60 किलो, पांच सदस्य होने पर 75 किलो तथा छ: सदस्य होने पर 90 किलो चांवल मिलना था लेकिन पवनतरा में अतिरिक्त चांवल को न देकर केवल प्रदेश सरकार द्वारा दी जाने वाले चांवल का ही आबंटन किया गया है. इस तरह केन्द्र सरकार से प्राप्त 5 किलो अतिरिक्त चांवल को सेल्समेन के द्वारा गबन कर लिया गया है और अब जांचकर्ता अधिकारी द्वारा सेल्सेमन को बचाया जा रहा है.

जानिए क्या कहते है जांच में बयान देने वाले राशन कार्डधारी ग्रामीण

1. बृजभूषण वर्मा पिता थारु वर्मा उम्र 63 वर्ष – मेरे घर के राशन कार्ड में मेरा नाम नहीं है, मुझे सरपंच (आरोपी सरंपच पति जो राशन दुकान का सेल्समैन हैं) के द्वारा पंचायत बुलाया गया था जहां मेरे जाने के बाद अधिकारी द्वारा केवल तुम्हें चांवल मिलता है या नहीं यह सवाल किया गया जिसके जवाब में मैंने हां मिलता है कहा. अतिरिक्त चांवल मिलने को लेकर अधिकारियों द्वारा कोई सवाल नहीं किया गया और मुझे अतिरिक्त चांवल की जानकारी भी नहीं है. कुछ दिन पहले राशन कार्ड में नाम जुड़वाने आवेदन किया हूं शीघ्र जुडऩे की बात कही गई है.

2. राजाराम वर्मा पिता गुनीराम वर्मा उम्र 48 वर्ष- पंचायत में दो खाद्य अधिकारी आये थे और सरपंच द्वारा मुझे फोन कर पंचायत बुलाया गया था जहां अधिकारी ने प्रतिमाह चांवल मिलता है कि नहीं यह पूछा गया जिसे लेकर मैंने हां मिलता है कहा. अतिरिक्त चांवल की जानकारी नहीं है, जो राशन कार्ड में लिखा है उसी के हिसाब से चांवल प्रदान किया गया है.

3. दीनुराम वर्मा पिता जिराखन वर्मा उम्र 55 वर्ष- पंचायत पहुंचे अधिकारियों ने चांवल मिलता है कि नहीं बस यहीं पूछा, मैंने कहा- हां मिलता है, अतिरिक्त चांवल मिलने की जानकारी मुझे नहीं है.

4. विजय बघेल पिता विश्राम बघेल उम्र 38 वर्ष- मैं पंचायत का चपरासी हूं, कुछ ग्रामीणों को फोन कर पंचायत बुलाया गया था जहां मैं भी मौजूद था. मुझसे अधिकारियों द्वारा कुछ सवाल नहीं किया गया केवल हस्ताक्षर करने कहा गया और मैंने हस्ताक्षर कर दिया.

मुझे किसी चीज की जानकारी नहीं है. अगर गलत तरीके से जांच की गई हैं और खाद्य निरीक्षकों ने सही जांच नहीं की हैं तो फिर से जांच की जायेगी, आप आवेदन दे दीजिये.
भुनेश्वर चेलक, जिला खाद्य अधिकारी केसीजी

मैं अपने साथी फूड इंस्पेक्टर के साथ गया था, आपको लगता हैं जांच सही नहीं हुई हैं तो फिर से जांच करेंगे.
विनोद सागर, खाद्य निरीक्षक खैरागढ़

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