30 से अधिक गांवों के किसानों ने की करेला भवानी मंदिर प्रांगण में बैठक
नौकरी और मुआवजे की मांग को लेकर किसान नेताओं ने बनाई रणनीति
सोमवार को सैकड़ों की संख्या में कलेक्टर को ज्ञापन देने खैरागढ़ पहुंचेंगे किसान
सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृत डोंगरगढ़ से कवर्धा नवीन रेल लाईन परियोजना के कारण प्रभावित होने वाले किसानों की एक महती बैठक शुक्रवार को संपन्न हुई। किसानी छीन जाने व बेरोजगारी की आशंका के चलते सरकार से मुआवजे व शासकीय नौकरी की मांग को लेकर एकजुट हुये किसानों ने जिले के अंतिम छोर पर बसे ग्राम करेला के भवानी मंदिर प्रांगण में एक महती बैठक का आयोजन किया था जहां 30 से अधिक गांव के किसान एकजुट हुये और अपनी मांग को लेकर आगे की रणनीति पर चर्चा की। बताया गया कि सोमवार को सैकड़ों की संख्या में किसान खैरागढ़ जिला मुख्यालय पहुंचकर कलेक्टर को ज्ञापन देंगे जिसमें सरकारी नौकरी सहित उचित मुआवजे की मांग की जायेगी। बैठक में किसानों ने कहा कि रेल परियोजना के प्रारंभ होने से सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि प्रभावित होगी जिससे क्षेत्र के किसानों की न केवल खेती-किसानी छीन जायेगी बल्कि वे पूरी तरह से बेरोजगार हो जायेंगे। इसलिये सरकार से उन्हें उचित मुआवजे के साथ परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी चाहिये होगी। किसानों ने बैठक में साफ किया है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो डोंगरगढ़-कटघोरी रेल लाईन निर्माण के लिये वे अपनी भूमि नहीं देंगे और अपनी हक की लड़ाई जारी रखेंगे। बैठक में बताया गया कि उक्त प्रयोजना 2017-18 की है और 2016 में सर्वे का कार्य किया जा चुका है लेकिन अभी भी बहुत से किसान अपनी खेतों में बोर खनन करवा रहे हैं। कई किसानों ने फसलों की सुरक्षा के लिये जालीदार तार से खेतों में घेरा करवा रखा है। सर्वे कार्य को 8 वर्ष हो चुके है ऐसे में नये सिरे से सर्वे का कार्य किया जाना चाहिये जिससे किसानों को उनका हक मिल सके। बैठक में शामिल किसान नेताओं ने बताया कि ग्राम अछोली, जटकन्हार, नागतराई, बेलगांव, ठाकुरटोला, कोलेन्द्रा, छपारा, शिवनी कला, धुसेरा, रिवागहन, भैंसरा, कटंगी, कातलवाही, बिजनापुर, सारंगपुर, घोंघेडबरी, उरईडबरी, सलगापाट, प्रकाशपुर, जुरलाकला, टेकापार, दपका, पेंड्रीकला, दिलीपपुर, संडी, ठंढार, रैमड़वा, हनईबन, जंगलपुर, बेलगांव व खैरागढ़-छुईखदान-गंडई इलाके के किसान बड़ी संख्या में उपस्थित रहे साथ ही सोमवार 18 नवंबर को एकजुट होकर सभी किसान जिला मुख्यालय का कूच करेंगे तथा अपनी मांग को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपेंगे।