हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पत्र प्रेषित कर अधिवक्ता संघ ने दी जानकारी
सत्यमेव न्यूज/खैरागढ़. मंदिर का निर्माण कर रुकने से नाराज अधिवक्ताओं ने बुधवार को हड़ताल कर न्यायालय में अपना कामकाज रोक दिया. बुधवार को अपने कार्य से विरत रहने को लेकर छुईखदान अधिवक्ता संघ ने हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पत्र प्रेषित कर जानकारी भेजी है. जानकारी अनुसार अधिवक्ता संघ छुईखदान के द्वारा सभी पदाधिकारियों एवं समस्त अधिवक्तागणों के राय से भगवान हनुमान के मंदिर निर्माण एवं मूर्ति स्थापना किये जाने का प्रस्ताव 6 माह पूर्व रखा गया था. दिनांक 13 मार्च को अधिवक्ता संघ छुईखदान की बैठक में न्यायालय परिसर के बाहर गुलमोहर पेड के नीचे मंदिर निर्माण का प्रस्ताव रखा गया जो उसी तिथि को ही संघ द्वारा सर्वसम्मति से पारित किया गया. न्यायालय परिसर के भीतर मंदिर निर्माण पर न्यायालय को आपत्ति होने के कारण उक्त मंदिर न्यायालय परिसर के बाहर मार्ग पर जो कि पीडब्लूडी के आधिपत्य में है वहां स्थान का चयन कर मंदिर निर्माण का कार्य प्रारंभ किया गया था. संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि इस बीच न्यायालय के पीठासीन अधिकारी द्वारा बगैर अधिवक्ता संघ को समय पर नोटिस ना दिया जाकर और ना ही अधिवक्ता संघ के पदाधिकारियों को सूचना दिये बगैर पीठासीन अधिकारी द्वारा फोन के माध्यम से थाना प्रभारी छुईखदान, तहसीलदार एवं मुख्य नगर पंचायत अधिकारी छुईखदान को बुलाकर तत्काल निर्माणाधीन मंदिर जो प्रारंभ ही हुआ था उसे ढहाने का निर्देश दे दिया गया. इस घटना से क्षुब्ध सभी अधिवक्तागणों ने बुधवार को विरोध प्रदर्शन कर एक दिन के लिए काम बंद कलम बंद हड़ताल की हैं. अधिकारीगण जो पीठासीन अधिकारी के मौखिक आदेश से उपस्थित हुये थे. संघ के अधिवक्ताओं ने बताया कि मंदिर निर्माण को लेकर उनके द्वारा अधिवक्ता संघ छुईखदान अध्यक्ष, सचिव अधिवक्तागणों के साथ दुर्व्यवहार कर अपमानित किया गया एवं अधिकारियों द्वारा अधिवक्तागणों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही किये जाने की बात कही गई है. पीठासीन अधिकारी के इस रवैए से अधिवक्ता संघ छुईखदान नाराज नजर आये इसी कारण 19 मार्च को संघ की आवश्यक बैठक आहुत की गई एवं विचार विमर्श पश्चात 20 मार्च को अधिवक्ता संघ छुईखदान के समस्त अधिवक्तागणों ने अपने सभी न्यायालयीन कार्य से विरत रहने का प्रस्ताव पारित किया. बुधवार को अधिवक्ताओं के द्वारा कामकाज स्थगित रखने के कारण न्यायालय पहुंचे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा हैं.