भव्य कलश यात्रा के साथ खैरागढ़ में प्रारंभ हुआ 51 कुंडीय गायत्री महायज्ञ

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. भव्य कलश यात्रा के साथ जिला मुख्यालय खैरागढ़ में 51 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का जनकल्याण की भावना के साथ शुभारंभ हुआ। नगर के ऐतिहासिक फतेह मैदान से निकली कलश यात्रा में सैकड़ो की संख्या में उपस्थित धर्म प्रेमियों ने हम बदलेंगे, युग बदलेगा के जयघोष के साथ कलश यात्रा प्रारंभ की जो संगीत नगरी का भ्रमण करते हुए वापस आयोजन स्थल फतेह मैदान पहुंची। महायज्ञ के शुभारंभ अवसर पर आयोजित मंगल कलश यात्रा में सैकड़ो की संख्या में धर्मप्रेमी महिलाएं, पुरुष व युवा शामिल हुये। जानकारी अनुसार 51 कुंडीय गायत्री महायज्ञ के निमित्त संगीत नगरी में मंगल कलश यात्रा राजा फतेह सिंह खेल मैदान से गायत्री महायज्ञ को लेकर सुसज्जित धर्मरथ के साथ डीजे के धुन में निकाली गई। कलश यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं उपस्थित रहे। कलश यात्रा महायज्ञ स्थल से चलकर लालपुर स्थित एनिकट के पास पहुंची जहां वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ जीवनदायनी पिपरिया नदी का जल भरकर नगर भ्रमण करते हुये वापस यज्ञ स्थली फतेह मैदान पहुंची। ज्ञात हो कि यज्ञ 4 दिनों तक अनवरत चलेगा। महायज्ञ में हरिद्वार से विशेष तौर पर पधारे विद्वान व गुणीजन सहित प्रवचनकर्ता पुरोहित द्वारा प्रवचन किया जाएगा और द्वीप यज्ञ का भी आयोजन होगा। आयोजन में गायत्री परिवार से जुड़े खैरागढ़ क्षेत्र के सभी धर्म प्रेमीजन बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा नहीं हो इसके लिये गायत्री परिवार, जनसहयोग और जिला प्रशासन की मदद से विशेष प्रबंध किया गया है। कलश यात्रा के दौरान सुरक्षा को लेकर पुलिस बल की भी तैनाती की गई थी। बताया गया कि गायत्री महायज्ञ करने से कई जन्मों के पाप मिट जाते हैं। गायत्री मंत्र नहीं होता तो सनातन धर्म पर कोई भी व्यक्ति विश्वास नहीं करता। गायत्री मंत्र का जाप करने से किसी भी व्यक्ति को तत्काल विपत्ति से मुक्ति मिल जाती है। सभी मंत्रों का महामंत्र गायत्री मंत्र ही है। गायत्री मंत्र के जाप से हमारे मन और मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। गायत्री मंत्र के जाप से मन व मस्तिष्क शांत हो जाता है। इसके जाप से हृदय मजबूत होता है, वहीं त्वचा की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ जाती है। इस मौके पर समिति के सदस्यों सहित श्रद्धालुजन उपस्थित रहे।

गायत्री महायज्ञ में सोमवार 9 दिसंबर को द्वितीय दिवस सामूहिक जप ध्यान एवं प्रज्ञा योग के साथ देव पूजन किया जाएगा वहीं गायत्री महायज्ञ की शुरुआत के साथ विभिन्न संस्कार भी यहां प्रारंभ हो जाएंगे महायज्ञ में विशेष तौर पर प्रज्ञा पुराण पर आधारित प्रवचन के साथ कार्यकर्ता गोष्ठी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन होगा।

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