बालाजी अस्पताल पर लगे आरोप निराधार, परिजन और प्रबंधन ने सामने रखी सच्चाई

सत्यमेव न्यूज़ के लिए अनुराग शाँति तुरे खैरागढ़। रानी रश्मि देवी नगर खैरागढ़ के बालाजी हॉस्पिटल पर लगे मनमानी वसूली के आरोप निराधार साबित हुए हैं। हाल ही में भर्ती हुई गर्भवती मरीज के परिजन अजय देवदास ने मीडिया में आरोप लगाया था कि अस्पताल ने तय रकम से अधिक बिल बनाया है लेकिन सोमवार को आयोजित प्रेस वार्ता में न केवल अस्पताल प्रबंधन ने दस्तावेजों के साथ अपना पक्ष रखा बल्कि मरीज के परिजन ने भी स्वीकार किया कि गरीबों के कारण उनका उद्देश्य केवल बिल की राशि कम करवाना था न कि अतिरिक्त वसूली का आरोप लगाना।

अस्पताल प्रबंधक दुष्यंत अग्रवाल ने बताया कि गर्भवती महिला को अत्यंत नाजुक अवस्था में भर्ती किया गया था। पेट में पल रहा भ्रूण गर्भाशय से अलग हटकर विकसित हो रहा था जिससे मरीज के पेट में भारी रक्तस्राव हो रहा था। ऐसी गंभीर स्थिति में बिना कोई रकम लिए पहले उपचार शुरू कर मरीज और शिशु की जान बचाने की कोशिश की गई। बाहर से विशेषज्ञ चिकित्सक बुलाकर ऑपरेशन कराया गया वहीं चार बोतल तत्काल खून एवं प्लाज्मा की व्यवस्था की गई और मरीज को चढ़ाया गया तब जाकर मरीज की जान बच पाई। प्रबंधन ने उपचार संबंधी दस्तावेज भी दिखाए और कहा कि यह किसी भी चिकित्सालय के लिए एक मानवीय पहल मानी जानी चाहिए।

अस्पताल के डायरेक्टर दुष्यंत साहू ने स्पष्ट किया कि इलाज के बाद कुल बिल 70 हजार रुपए से अधिक था लेकिन मरीज की कमजोर आर्थिक स्थिति को देखते हुए 30 हजार रुपए से अधिक की राशि का सहयोग किया गया है साथ ही अस्पताल ने अतिरिक्त आर्थिक सहयोग भी प्रदान किया।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रबंधन ने कहा कि कुछ मीडिया संस्थानों में प्रसारित खबरें एकतरफा और भ्रामक थी। परिजन के बयान को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत करने से अस्पताल की छवि धूमिल करने का प्रयास हुआ वहीं अस्पताल प्रबंधन का वास्तविक पक्ष भी नहीं लिया गया।
भर्ती मरीज के पति अजय देवदास निवासी ग्राम जोरातराई खैरागढ़ ने भी माना कि एक व्यक्ति के भड़कावे में आकर उन्होंने पहले जल्दबाज़ी में बयान दिया था। अब वे स्पष्ट कर रहे हैं कि उनकी शिकायत केवल बिल की राशि कम करने को लेकर थी। पत्र वार्ता के बाद अस्पताल प्रबंधन और मरीज की ओर से आए महत्वपूर्ण पहलू जिसे जानना जरूरी है:-

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