बाजार अतरिया में राष्ट्र ध्वज का अपमान: देर शाम तक नहीं उतारा गया तिरंगा ध्वज

सत्यमेव न्यूज बाजार अतरिया. बाजार अतरिया में 76वें गणतंत्र दिवस पर बड़ी लापरवाही सामने आयी है। यहाँ स्थित शासकीय पशु औषधालय में कर्मचारियों ने सुबह तिरंगा झंडा तो फहराया लेकिन शाम को यहाँ पदस्थ कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी से विमुख इसे उतारना ही भूल गये। मामले में जब मिडिया के साथियों को इसकी जानकारी मिली तब उनके द्वारा विभागीय अधिकारी को राष्ट्रीय ध्वज के अपमान की जानकारी दी गई। खबर दिये जाने के बाद रात तकरीबन 8 बजे आनन-फानन में बिना किसी सम्मान के ध्वज को उतारा गया। यानी विभाग के कर्मचारियों द्वारा देश के आन बान शान तिरंगे झंडे का अपमान किया गया है। बहरहाल देखना यह है कि शासन और प्रशासन के आला और जिम्मेदार लोगों की तरफ से राष्ट्रीय ध्वज के अपमान के मामले में क्या सार्थक कार्यवाही होती है।

मामले की जानकारी हमारे प्रतिनिधि को जब पता चला तब फोन कॉल के माध्यम से पशु चिकित्सालय के सीनियर अधिकारी डॉ ममता रात्रे को फोन कॉल कर जानकारी दिया गया तब जाकर तिरंगे झंडे को निकाला गया। वही ऐसे गैर जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी के ऐसे देश के तिरंगे झंडे का अपमान को सहन नहीं करने ग्रामीणों में काफी आक्रोश की स्थिति निर्मित है गणतंत्र दिवस के दिन रविवार सुबह तिरंगा झंडा लहराने के बाद तिरंगे झंडे को शाम ढलने से पहले पशु औषधालय में पदस्थ पशु परिचालक घनश्याम सिंह बघेल को तिरंगा झंडा निकाल लिया जाना चाहिए था लेकिन उन्होंने तिरंगा झंडा निकालने का जिम्मा स्थानीय निवासी पशु सखी उर्मिला यादव को दिया गया था. जो तिरंगा झंडा को निकालना भूल गई थी. जब हमारे प्रतिनिधि ने उच्च अधिकारी को फोन कर बताया तब पशु सखी को फोन कर तिरंगा झंडा निकालने को कहा गया जिन्होंने रात 8:00 झंडा निकला।

बतादे कि तिरंगे झंडे को लहराने से लेकर शाम ढलने से पहले उतरने तक का जिम्मा वरिष्ठ अधिकारी डॉ ममता रात्रे के ऊपर है लेकिन उन्होंने अपनी गैर जिम्मेदारी का परिचय देते हुए पशु परिचालक घनश्याम सिंह बघेल को जिम्मा सौंप दिया। वहीं पशु परिचालक ने अपना जिम्मेदारी एक पशु सखी उर्मिला यादव महिला को दे दिया गया जिन्होंने रात्रि 8:00 बजे के आसपास तिरंगा झंडा को निकाला गया है। शाम ढलने से पहले तिरंगे झंडे को बड़े ही सम्मान से उतार कर रखा जाना चाहिए था लेकिन पशु सखी उर्मिला यादव द्वारा झंडे को उखाड़ कर कंधे पर रखकर उनका अपमान करते हुए अपने घर ले गया इतनी बड़ी जिम्मेदारी एक महिला को दिया गया था जिन्होंने भी अपनी जिम्मेदारी नहीं समझी और तिरंगे झंडे का अपमान किया।

तिरंगा हमारे देश के आन बान और शान है. भारतीय ध्वज संहिता के तहत झंडा फहराने के कुछ नियम बनाये गए है. यानि हर भारतीय को तिरंगा फहराने के नियमो की जानकारी होना चाहिए, उसका उद्देश्य राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा बनाये रखना चाहिए इसके प्रोटोकाल में तिरंगा फहराने से लेकर उतारने तक का नियम बना हुआ है.तिरंगे को हमेशा सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त के पहले फहराना चाहिए, नियम के मुताबिक जहा झंडा फहराया गया है, उसे सूर्यास्त के पहले उतार देना चाहिए, यही नहीं तिरंगे के सम्मान में उसे जमीन पर भी नहीं रखा जा सकता।

मेरी तबीयत खराब है। मैं घर पर हूं मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है आपके माध्यम से पता चला है। मैं किसी को बोलकर तिरंगा झंडा निकलवाती हूं।

डॉ.ममता रात्रे,
वेटनरी असिस्टेंट सर्जन

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