बदन जला देने वाली गर्मी के बीच कचरा छाँटने मजबूर स्वच्छता दीदियाँ

सत्यमेव न्यूज़ खैरागढ़. जिले में जलवायु परिवर्तन के बदलाव और उतार-चढ़ाव के बीच बैसाख महीने की तेज धूप में भरी दोपहरी सफाई कर्मचारी यहाँ रोजी-रोटी के लिए कड़ा संघर्ष करने विवश हैं। इन दिनों हर कोई मध्यान्ह 12 और 1 बजे के बाद गर्मी से बचने छाँव में आराम की तलब रख रहा है लेकिन इसी समय तेज धूप और गर्मी के बीच जिला मुख्यालय खैरागढ़ में पूरे शहर का कचरा ढो-कर संगीत नगरी को साफ और स्वच्छ रखने का दारोमदार उठाने वाली स्वच्छता दीदियाँ कचरा छाटने को मजबूर है। बदन जला देने वाली गर्मी के बीच नगर के धरमपुरा और टिकरापारा के मणीकंचन केंद्र में कचरा बीन कर स्वच्छता दीदियाँ अपने जीवन की जुगत लग रही हैं। इन हालातों में बढ़ते तापमान और गर्मी-उमस के बीच सफाई कर्मचारियों की परेशानी बढ़ गई हैं। हालत यह हैं कि मणीकंचन केंद्रों में 1ही दिन में सैकड़ो किलोग्राम कचरा पहुँच रहा हैं और इसे दुरुस्त करने की जिम्मेदारी सफाई का काम करने वाली दीदियों पर ही है। सवाल यह है कि इस जानलेवा गर्मी के बीच क्या सफाई कर्मियों को अदद छांव और ठंडी हवा मिलने का अधिकार नहीं हैं लेकिन यहाँ मौजूदा हालात कुछ ऐसे ही हैं।

गर्मी के कारण सफाई कर्मचारियों का जीवन इन दिनों कठिन हो चला हैं, सुबह कचरा उठाने के बाद भरी दोपहरी में कचरा छाँटने की मजबूरी इन्हें तकलीफदायक तो लग रही हैं पर गर्मी से बचने शासन-प्रशासन से इनको अब तक कोई राहत नहीं मिल पाई है। गर्मी की वजह से स्कूल कॉलेज बंद है, सरकारी दफ्तरों में सन्नाटा पसरा हुआ है, और तो और न्यायालय तक में छुट्टी हो गई है पर सफाई कामगारों को गर्मी से बचने कोई राहत नहीं हैं। ज्ञात हो कि काम की अधिकता के कारण स्वच्छता दीदियाँ इन दोनों सुबह 7:00 से शाम 5:00 तक काम कर रहे हैं. लेकिन सबसे अधिक तकलीफ दोपहर में गर्मी की वजह से हो रही है। हालत यह है कि मणी कंचन केंद्रों में दीदियों का दर्द देखने वाला कोई नहीं है कभी राहत मांगी गई तो उन्हें फटकार का भी सामना करना पड़ता है।

बड़ी मशक्कत व कठिनाइयों के बीच काम कर रही स्वच्छता दीदियों ने बताया कि धरमपुरा के मणीकंचन केंद्र में कूलर और टिकरापारा के केंद्र में छाँव के लिये टिन शेड की मांग की गई है, लेकिन यह मांग अब तक अधूरी हैं। पूर्व में नगरीय निकाय के जेडी साहब और सुड़ा अधिकारी से भी मांग की गई थी। दीदियों का कहना है कि दिल्ली से निरीक्षण के लिए टीम पहुंचने वाली है, इसलिए काम जल्दी करने का प्रेशर हैं.

गर्मी की तकलीफ और समस्या के बीच यह भी एक खबर है कि संगीत नगरी खैरागढ़ में सफाई रखने व कचरा उठाने के लिए तैनात 49 कर्मचारियों में से पांच कर्मचारियों की ड्यूटी न चाहते हुये भी कुछ नेताओं व अफसर के घर में लगा दी गई है. लालफीताशाही और नौकरी जाने के डर से स्वच्छता दीदियों को नौकर बनकर नेता-अफसरों के घर का जूठन भी साफ करना पड़ रहा हैं।

यह आश्चर्य का ही विषय है कि संगीत नगरी का कचरा उठाने वालों को जनता और जनप्रतिनिधियों का ही साथ नहीं मिल पा रहा है। बताया जा रहा है कि कई मकानों व दुकानों से सफाई कर्मचारियों को मांगने पर भी कचरा नहीं दिया जाता हैं और अपने मन मुताबिक दुकान मकान के सामने कचरा फेंक दिया जाता है वहीं वैवाहिक व मांगलिक कार्यक्रमों के बाद भी नगर के अलग-अलग हिस्सों में काफी कचरा खासतौर पर प्लास्टिक व डिस्पोजल बेतरतीब पड़ा रहता है जिसे उठाने व व्यवस्थित करने में दीदियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैं। दूसरी ओर कई मकान मालिक व दुकानदारों ने सफाई कर्मचारियों को उनका मासिक मेहनताना भी नहीं दिया है। नियमों के मुताबिक मकान व दुकान के संचालकों को गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग तरीके से रखकर पालिका की सफाई टीम को सुपुर्द करना है पर ऐसा नहीं किया जाता, जिसकी वजह से काफी मुश्किलें आती हैं।

समस्या सामने आयी है, केंद्रो में पहले से ही कचरा जाम है और 8 घंटे काम का नियम है। गर्मी को देखते हुये स्वच्छता दीदियों को सुबह 6 से दोपहर 2 बजे तक काम कर घर लौटने कहा गया हैं।

प्रमोद शुक्ला, सीएमओ नगर पालिका खैरागढ़

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