सत्यमेव न्यूज़ खैरागढ़. शासकीय पॉलिटेक्निक खैरागढ़ में शुक्रवार 18 अक्टूबर को जनजातीय गौरव स्मृति कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जिले के अनुसूचित जनजाति समाज के अध्यक्ष संतराम छेदैय्या एवं संस्था के प्राचार्य शंकर वराठे उपस्थित रहे। यह कार्यक्रम उन जनजातीय वीरों के सम्मान में समर्पित था जिन्होंने स्वाधीनता संग्राम में अपने प्राणों की आहूति देकर हमें स्वतंत्रता दिलाई। भारत के जनजातीय समाज ने हमेशा से अपनी आध्यात्मिक परंपराओं, विशिष्ट संस्कृति और श्रेष्ठ जीवन मूल्यों के साथ भारतीय सभ्यता का हिस्सा बने रहकर राष्ट्र की सुरक्षा और समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। कार्यक्रम संयोजक अंशु प्रीति कुजूर ने कार्यक्रम का प्रस्तावना वाचन किया और कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्य से अवगत कराया। आशा मिरी और बलवंत सिंह कोर्राम ने पीपीटी के माध्यम से देश के गुमनाम जनजातीय नायकों की जीवनी, स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों के विरुद्ध उनके संघर्ष और बलिदान की जानकारी दी। संस्था के प्राचार्य एसबी वराठे ने अपने उद्बोधन में जनजातीय गौरवशाली इतिहास और उनके वीरता की चर्चा की और उन वीरों के देश को स्वतंत्र कराने में अमूल्य योगदान की जानकारी दी। इसके पश्चात जनजातीय नायकों की अज्ञात पृष्ठभूमि पर वीडियो प्रस्तुत किया गया जिसमें अमर बलिदानी तिलका मांझी, टंट्या भील, शहीद वीर नारायण सिंह, रानी दुर्गावती जी, कोमराम भीम जैसे वीरों के जीवन को जीवंत करता हुआ दिखाया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम अन्तर्गत छात्र-छात्राओं द्वारा हल्बी नृत्य शैली को प्रस्तुत किया गया जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। कार्यक्रम में हस्तकला, काष्ठकला और बेलमेटल शिल्पकला की प्रदर्शनी भी लगाई गई. जिसका सभी ने लुत्फ उठाया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संतराम छेदैय्या, जयपाल सोरी, संतराम मंडावी सहित अन्य अतिथि उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि श्री छेदैय्या ने बताया कि आदिवासी प्रकृति के पूजक होते हैं, जनजातीय समुदाय पंच तत्व यानी आकाश, वायु, जल, पृथ्वी और अग्नि के साथ माता-पिता इन 7 देवताओं की पूजा अर्चना करते हैं। उन्होंने छात्रों को आदिवासियों की कला संस्कृति से संबंधित जानकारियां देते हुए गीतों के महत्व को बताया कि आदिवासी बोली गीत के माध्यम से की जाने वाली बोली है जिनमें बातों के भाव को व्यक्त करते हुए गीत गाए जाते हैं। उक्त कार्यक्रम संस्था प्रमुख एसबी वराठे की अध्यक्षता में कार्यक्रम संयोजक सुश्री अंशु प्रीति कुजूर, सह-संयोजक सुश्री सुलेखा कुजूर, बलवंत सिंह कोर्राम, डॉ.स्वाति टीकम, आशा मिरी, सीमा दिल्लीवार, रोशनी ताम्रकार, गोपाल सिंह, आरएन गोंड़, रामप्रसाद चुरेंद्र, अशोक गोंड़, प्रकाशचंद खरे सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, व्याख्यातागण, कर्मचारीगण और संस्था के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के स्वयंसेवकों एवं अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की उपस्थिति में संपन्न हुआ।