पांडादाह में श्री राम कथा की हुई शुरूआत

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. मंदिर सेवा समिति पांडादाह के द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले श्रीराम कथा समागम के आयोजन की भव्य और भक्तिमय शुरुआत हुई जहां सुप्रसिद्ध कथा वाचक सत्यनारायण शर्मा के द्वारा श्रीरामकथा आयोजित हो रही है। प्रथम दिवस की कथा में पं.शर्मा ने धर्म क्या है इसको लेकर व्याख्या करते हुये बताया कि सत्य सबसे बड़ा धर्म है किन्तु कुछ ऐसी परिस्थितियां भी उत्पन्न होती है जहां असत्य बोलना भी पुण्य का काम होता है। उदाहरण देते हुये उन्होंने बताया कि जैसे कोई कसाई किसी गाय के पीछे पड़ा है और कसाई द्वारा किसी व्यक्ति से गाय का पता पूछने पर बोलने वाले असत्य से गाय की जान बच जाती है तो ऐसी परिस्थिति में बोलने वाले असत्य से भी पुण्य मिलता है। पं.शर्मा ने बताया कि कलयुग में चार धर्म है सत्य, तप, दया और दान। रामचरित मानस के विषय में उन्होंने बताया कि महर्षि वाल्मीकि ने रामचरित मानस लिखी जिसके पश्चात पुनः उन्होंने तुलसीदास जी के रुप में आकर रामचरित मानस लिखी। महाराज सत्यनारायण शर्मा जी ने कथा में बताया कि रामचरित मानस में सभी रस मिलेंगे। कलयुग में केवल राम का नाम ही सार है जहां भी श्रीराम कथा हो रही है वहां कथा श्रवण के लिये अपने काम से समय निकालना पड़ेगा तभी श्रीराम कथा का आनंद मिलेगा। प्रथम दिवस की कथा में महाराज जी ने माता सती की कथा सुनाई जिसमें उन्होंने व्याख्या करते हुए बताया कि कैसे राजा दक्ष ने यज्ञ का आयोजन किया जिसमें भोलेनाथ को आमंत्रित नही किया गया जिससे क्रोधित माता सती ने अपना देह त्याग दिया जिसके पश्चात पुनः पार्वती के रुप में उन्होंने जन्म लिया और भोलेनाथ से उनका विवाह हुआ। रामकथा के पश्चात पांडादाह के जगन्नाथ मंदिर में सुप्रसिद्ध कथावाचक पं.युवराज पांडे का आगमन हुआ जहां मंदिर सेवा समिति के सदस्यों द्वारा उनका आत्मीय स्वागत किया गया। पं.पांडे ने जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ के दर्शन किये जिसके पश्चात सोशल मीडिया में वायरल हो रहे अपने गीत को सुनाया। इस दौरान रामकथा वाचक सत्यनारायण शर्मा, मंदिर सेवा समिति के अध्यक्ष पं.मिहिर झा, सचिव राजू यादव, जनपद सदस्य सरस्वती यदु, उपाध्यक्ष संतोष कर्ष, सन्नी यदु, रिंकू महोबिया, कमलेश यदु, बंशी वर्मा, सतेन्द्र साहू, पंकज सिंह, रामेश्वर रामटेके, सुयश खरे, संजय यदु, संजू महाजन, आरती महोबिया, संतोष वैष्णव, पुष्पा यदु, रेखा यादव, सोमनिशा खरे, भानबाई सिन्हा, नितेश देवांगन सहित पंचगण व काफी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।

Exit mobile version