
जीवन में प्रथम सुख निरोगी काया- डी.जे. कंवर
खैरागढ़. व्यवहार न्यायालय खैरागढ़ में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। इस अवसर पर न्यायालय परिसर में न्यायिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश मोहनी ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में प्रथम सुख निरोगी काया है जिसे प्राप्त करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को नियमित योग, आसन एवं प्राणायाम करना चाहिए। योग न केवल शारीरिक अंगों को मजबूत बनाता है बल्कि मन, मस्तिष्क और आत्मा के बीच संतुलन भी स्थापित करता है। इसके पश्चात जेएमएफसी आकांक्षा खलखो ने योग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज की व्यस्त, तनावपूर्ण और अस्वस्थ दिनचर्या में योग के सकारात्मक प्रभावों के कारण इसे जीवनशैली का अनिवार्य हिस्सा बनाया जा रहा है। सभी को प्रतिदिन योग और प्राणायाम करना चाहिए, जिससे जीवन में मानसिक शांति, सुख और आनंद बनी रहे। योगाभ्यास सत्र की शुरुआत ओम उच्चारण और गायत्री मंत्र के पाठ से की गई। इसके पश्चात प्रतिभागियों को विभिन्न योग मुद्राओं का अभ्यास कराया गया जिसमें पादहस्तासन, त्रिकोणासन, उष्ट्रासन, भुजंगासन, शवासन, ताड़ासन, शयन पाद संचालनासन, नौकासन, आंजनेय आसन आदि प्रमुख रहे। प्राणायाम सत्र में भस्त्रिका, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, बाह्य प्राणायाम, भ्रामरी तथा उदगीथ का अभ्यास कराया गया। कार्यक्रम का समापन शांति पाठ के साथ हुआ। कार्यक्रम को सफल बनाने में न्यायालय के कर्मचारियों मनोहर देवांगन, प्रसन्न श्रीवास्तव, आरके लांझकर, अमरनाथ जायसवाल, इलेश देवांगन, भुनेश्वर कौशिक, दिनेश साहू, मनीष, सुरेश, राजेश, भुनेश्वर, पूजा तथा अधिवक्ता सुरेश ठाकुर, सीएस यादव, कौशल कोसरे, शत्रुघ्न वर्मा, ज्ञान दास बंजारे, संगीता साहू, दुर्गेश, पीएलवी गोलूदास साहू, छविराज एवं कला प्रजापति की विशेष सहभागिता रही।