माता दुर्गा के सभी नौ स्वरूपों के समक्ष थिरके छात्र
सभी धर्म समुदाय के छात्रों ने आयोजन में की शिरकत
सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. नवरात्र के पावन अवसर पर सांस्कृतिक संरक्षण के उद्देश्य से नीरज माईलस्टोन स्कूल खैरागढ़ में गरबा का आयोजन हुआ। संस्था के संचालक नीरज बाजपेयी के मार्गदर्शन में आयोजित गरबा के आयोजन में संस्था के छात्र-छात्राओं सहित शिक्षकगण व आमंत्रित अतिथियों ने माता दुर्गा के नौ स्वरूपों के समक्ष पूरे भक्ति भाव के साथ नयनाभिराम गरबा नृत्य की प्रस्तुति दी। मुख्य अतिथि के रूप में पत्रकार व शांतिदूत संस्था के संयोजक अनुराग शांति तुरे उपस्थित थे। अध्यक्षता संस्था के प्राचार्य प्रफुल्ल चरण नायक ने की वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में संस्था के एडमिन योगेश डैंगोर, एकाउंटेंट कालीचरण सिंह व पत्रकार मनोहर सेन उपस्थित रहे।
सर्वप्रथम परंपरानुसार विद्यालय परिसर में स्थापित गरबा माता की पूजा अर्चना कर माता दुर्गा की सस्वर संगीतमय आरती की गई। गरबा के आयोजन के लिये विशेषतौर पर नन्हीं छात्राओं को माता दुर्गा के नौ स्वरूप शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायिनी, कालरात्रि, महागौरी व माता सिद्धिदात्री का स्वरूप प्रदान किया गया।
इस अवसर पर सभी धर्म समुदाय के छात्रों ने पारंपरिक परिधान के साथ गरबा में शिरकत कर भारत की अनेकता में एकता व अखंडता को परिभाषित किया। छात्रों को संबोधित करते हुये मुख्य अतिथि अनुराग शांति तुरे ने कहा कि आधुनिकता के बीच आज अपनी परंपरा और संस्कृति का संरक्षण एक चुनौती बन गई है, यह आवश्यक है कि हम अपनी पारंपरिक धरोहरों को संजोये रखेें। उन्होंने ऋतु परिवर्तन के बीच नवरात्रि के विशेष महत्व को परिभाषित करते हुये छात्रों को आदिकाल से लेकर अब तक चली आ रही भारतीय परंपराओं का महत्व बताया और छात्रों को प्रोत्साहित करते हुये कहा कि छात्र जीवन में सफलता के लिये स्कील डेवलपमेंट और सिलेबस पर फोकस कर एस स्क्वायर के फार्मूले पर तल्लीनता से काम करें। अध्यक्षीय उद्बोधन में प्राचार्य प्रफुल्ल चरण नायक ने गरबा के महत्व पर प्रकाश डालते हुये छात्रों को अपने सांस्कृतिक संरक्षण की दिशा में बेहतर कार्य करने प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर छात्रों के साथ शिक्षकों व अतिथियों ने भी गरबा नृत्य की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम के सफल आयोजन में विशेषतौर पर कार्यक्रम की संचालिका श्रीमती परवीन निशा, सरिता यादव, शिवानी सिंह, शाहना बानो, अंजू मेश्राम, लोमिन साहू, श्रेया राणा, धनवंतरी जंघेल, श्रेया सिंह, संजुक्ता नायक, पूर्णिमा सिंह, श्रीमती गायत्री चौहान, सुमित श्रीवास्तव, वीरेन्द्र जंघेल, नीलेश वर्मा, सरला जंघेल, शांतनू गुप्ता, अलंकृत सिंह, जैश्मिन बानो, सचिन पटेल, नितिका डैगोर, नीलकंठ साहू सहित शिक्षकों व छात्र-छात्राओं का सराहनीय योगदान रहा।