बलात संबंध बनाकर शादी का प्रलोभन
आरोपी के अत्याचार से दुधमुंही बच्ची की भी मौत
विशेष अपर सत्र न्यायाधीश ने सुनाई सजा
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. विशेष अपर सत्र न्यायाधीश खैरागढ़ चंद्रकुमार कश्यप ने नाबालिग युवती के साथ अनाचार करने वाले युवक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. जानकारी अनुसार खैरागढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत रहने वाले आरोपी युवक मूलेश्वर वर्मा पिता प्रताप वर्मा उम्र 26 वर्ष ने पीडि़त नाबालिग युवती (उम्र 16 वर्ष 1 माह) को बहला-फुसलाकर उसके रिश्तेदार के कोठार में बुलाया जहां उसे प्रेम प्रसंग व शादी का झांसा देकर जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाया. घटना मार्च 2018 की बताई जा रही है जिसके बाद आरोपी मूलेश्वर ने पीडि़ता को शादी का प्रलोभन देकर अपने घर ले गया जहां उसके साथ वह लगातार बलात संबंध बनाता रहा जिससे वह गर्भवती हो गई.
इस दौरान आरोपी नाबालिग को मारना-पीटना शुरू कर दिया, इस बीच 9 मई 2019 को पीडि़ता ने एक कन्या को जन्म दिया लेकिन माँ का दुध नहीं पी पाने के कारण उसे खैरागढ़ के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया और तबियत बिगडऩे के कारण उससे पहले राजनांदगांव जिला अस्पताल और फिर उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुये रायपुर मेकाहारा में बच्ची को रिफर किया गया जहां इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई. इस दुखद घटना के बाद नाबालिग जब वापस आरोपी के घर लौटी तो वह फिर उसके साथ रोज मारपीट करने लगा और उसे घर से निकाल दिया. पीडि़ता इस घटना के बाद अपने पिता के पास गई और अंतत: पिता के साथ पुलिस थाना पहुंचकर 14 अगस्त 2019 को आरोपी के खिलाफ अनाचार की रिपोर्ट लिखवाई.
पुलिस ने पीडि़त पक्ष की शिकायत पर आईपीसी की धारा 366, 376 (2) (जे) (एन), 323 एवं धारा 3/4, 5(ञ)(द्बद्ब), 5 (ठ)/6 पॉक्सो एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध कर 16 अगस्त 2019 को न्यायिक रिमांड पर उसे जेल भेज दिया गया. इस दौरान 2 दिसंबर 2019 को आरोपी जमानत पर रिहा हुआ और मामले की संवेदनशीलता के मद्देनजर न्यायालय ने त्वरित सुनवाई करते हुये 29 दिसंबर 2022 को आरोपी को गुनहगार ठहराते हुये धारा 366 आईपीसी के अपराध के लिये 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2000 रूपये तथा धारा 5(ञ)(ii), 5 (ठ)/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के लिये आजीवन सश्रम कारावास एवं 3000 रूपये का जुर्माना और जुर्माने की रकम मियाद तक अदा नहीं होने पर क्रमश: 2 एवं 3 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है और विशेष अपर सत्र न्यायाधीश खैरागढ़ चंद्रकुमार कश्यप ने आरोपी के अपराध को अक्षम्य माना है. पीडि़ता के पक्ष में शासन की ओर से अपर लोक अभियोजक सैय्यद अलताफ अली ने मामले की पैरवी की.