आरोप स्वीकार करने वाले समिति प्रबंधक पर महीनो बाद भी कार्रवाई नहीं भ्रष्टाचार का जीता जागता उदाहरण बना सहकारी बैंक प्रबंधन
मामला वित्तीय गड़बड़ी का है, संबंधित बैंक शिकायत दर्ज करवाए तो कार्रवाई की जायेगी – थाना प्रभारी
जिला स्तर की टीम द्वारा जांच की गई है – प्रबंधक सेवा सहकारी केंद्रीय बैंक डोंगरगढ़
वित्तीय अनियमितता को दबाने, पीड़ित किसानों व समिति प्रबंधक के मध्य थाना परिसर में किया गया समझौता
विलास जाम्भुलकर
सत्यमेव न्यूज/डोंगरगढ़. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा सत्ता संभालते ही सरकार द्वारा लागू की गई, सभी जनकल्याणकारी योजनायें, किसानों के हित में, उनके उत्तरोत्तर विकास हेतु बनाई गई, और उस पर संबंधित विभागीय अमले द्वारा, लागू की गई जन कल्याणकारी योजनाओं को, धरातल में उतारने का सफल प्रयास किया जा रहा है. फिर चाहे वह, नरवा गरवा घुरवा बाड़ी योजना को लागू करने के लिये किया जा रहा है कठिन प्रयास हो या किसानों को 25 सौ रुपये प्रति क्विंटल उपज की कीमत हो, विपरीत परिस्थिति में भी किसानों की हर सुख सुविधा का ध्यान रखने का प्रयास किया गया है. वही दूसरी ओर किसानों का गुलामों की तरह शोषण करने वाले ग्राम मेढ़ा स्थित सेवा सहकारी समिति के समिति प्रबंधक कुलदीप विश्वकर्मा पर किसानों द्वारा लगभग 26 लाख रुपये उनके कार्यकाल की यदि जांच की जाये तो यह राशि करोड़ों रुपये की हो सकती है, के वित्तीय आरोप को स्थानीय प्रशासन तथा संबंधित बैंक के जिम्मेदार अधिकारी की ओर से किसी भी प्रकार की कार्यवाही ना करना और नियमों को ताक में रखकर किये गये समझौता को ही अंतिम कार्रवाई मानना किसानों के साथ किया गया भद्दा मजाक है. किसानों द्वारा की शिकायत के बाद भी कार्यवाही ना कर समझौता पर समझौता करा कर मामले को दबाने का प्रयास किया गया. शासन प्रशासन चाहे तो यह विभागीय जांच का विषय हो सकता है. जो देश में किसानों के साथ किये गये सबसे बड़े फर्जीवाडे के रूप में सामने आयेगा. मुख्यमंत्री से भेट मुलाकात कार्यक्रम में की गई शिकायत -26 लाख रूपये से अधिक की वित्तीय अनियमितता करने वाले समिति प्रबंधक और मुख्यमंत्री सहित संबंधित सभी के समक्ष शिकायत करने वाले, पीडि़त किसानों की शिकायत पर कार्यवाही न कर उनके मध्य समझौता पर समझौता कराकर मामले को दबाने का प्रयास करने वाले आरोपियों की शिकायत, एलबी नगर भेंट मुलाकात कार्यक्रम में मुख्यमंत्री से की गई है.
मुख्यमंत्री से की गई शिकायत में कहा गया है कि सेवा सहकारी समिति मेढा के 60 से अधिक किसानों के केसीसी खातों में बैंक के निर्धारित नीति नियमों को ताक पर रखकर समिति प्रबंधक द्वारा 26 लाख से अधिक का वित्तीय घोटाला बैंक अधिकारियों के संरक्षण में किया गया, जिसकी लिखित शिकायत संबंधित किसानों द्वारा 5 नवंबर 2022 को डोंगरगढ़ थाना प्रभारी निरीक्षक सुरेंद्र स्वर्णकार के समक्ष की गई थी. जिस पर समिति प्रबंधक द्वारा किये गये घोटालों की राशि को पुन: स्वीकार करते हुये गैरकानूनी तरीके से संबंधित किसानों के केसीसी खातों में आहरित की गई ऋण राशि का, किसानों को 15 दिसंबर 2022 तक वापस करने का लिखित आश्वासन थाना प्रभारी डोंगरगढ़ के समक्ष दिया गया. इसके पूर्व भी समिति प्रबंधक द्वारा गांव में हुई सार्वजनिक बैठक के दौरान राशि वापसी का आश्वासन दिया गया था. जिसकी समयावधि समाप्त होने के पश्चात पीडि़त किसानों द्वारा थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी. बैंक में हुये वित्तीय घोटाले के बाद समझौता गैर कानूनी प्रक्रिया – बैंक संबंधी कार्यों का निष्पादन करने वाले जानकारों की माने तो यह गंभीर आर्थिक अपराध का मामला बनता है. जिसे किये गये घोटाला की राशि वापस करने मात्र से वित्तीय घोटाला प्रकरण खत्म करने बाबत ना तो संबंधित पीडि़त किसान समझौता कर सकते हैं, और ना ही पुलिस प्रशासन ही आरोपी से राशि वापस करा कर यह आपराधिक प्रकरण खत्म करा सकता है. ऐसा कृत्य कर सभी अपराध की श्रेणी में आ गए हैं. चेयरमैन सहित बैंक के उच्च अधिकारियों से कार्रवाई हेतु किया गया निवेदन -जिला सहकारी केंद्रीय बैंक राजनांदगांव के चेयरमैन नवाज खान सहित संबंधित सभी वरिष्ठ अधिकारियों से निवेदन किया गया है कि देश के अन्नदाता किसानों का गुलामों की तरह शोषण करने वाले, उन सभी अधिकारी कर्मचारी पर दंडात्मक कार्रवाई की जाये जो, सीधे तौर पर दोषी है. अथवा वे लोग जो अपराधिक कृत्य करने वाले को बचाना चाहते हैं. शिकायत की प्रति मुख्यमंत्री के अलावा केंद्रीय सहकारिता मंत्री नई दिल्ली, सहकारिता मंत्री छत्तीसगढ़ शासन, जिला कलेक्टर राजनांदगांव, पंजीयक सहकारी समिति रायपुर, उप महाप्रबंधक राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक रायपुर, पुलिस अधीक्षक व अनुविभागीय अधिकारी राजस्व डोंगरगढ़ को भेजी गई है. कांग्रेस व भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ ने मौन साधा -किसानों के हित में समय-समय पर आवाज उठाने वाले किसान कांग्रेस संगठन व सोसाइटी संबंधी मामलों को जोर शोर से उठाने वाले संगठन भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ द्वारा भी किसानों के साथ की गई धोखाधड़ी पर मौन साध लिया है, जो कांग्रेस व भाजपा के अन्य विंगो सहित आम किसानों में चर्चा का विषय है.
बैंक के वित्तीय अनियमितता का मामला है, शिकायत होने पर की जाएगी कार्रवाई- थाना प्रभारी डोंगरगढ़
थाना प्रभारी निरीक्षक सुरेंद्र स्वर्णकार द्वारा कहा गया है कि यह मामला सेवा सहकारी बैंक में हुये वित्तीय अनियमितता का है. यदि बैंक की ओर से शिकायत की जायेगी तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर, विवेचना में लिया जायेगा.
उच्च अधिकारियों द्वारा जांच की गई है – प्रबंधक सेवा सहकारी केंद्रीय बैंक डोंगरगढ़.
स्थानीय सेवा सहकारी केंद्रीय बैंक के प्रबंधक श्री चंद्रवंशी ने कहा है कि, किसानों द्वारा केसीसी लोन के लिये दिये गये आवेदन पर ज्ञात हुआ कि उनके खाते से पूर्व में ही केसीसी लोन लिया जा चुका है. किसानों द्वारा की गई आपत्ति को संज्ञान में लेकर जिला अधिकारियों द्वारा जांच की गई है.