झुरानदी में ड्रेनेज सिस्टम-स्टेकिंग में लापरवाही, कलेक्टर ने जताई नाराजगी

सत्यमेव न्यूज.गंडई/छुईखदान. कलेक्टर चंद्रकांत वर्मा ने आज जिले के छुईखदान विकासखंड के झुरानदी, गंडई और लिमो धान खरीदी केन्द्र का औचक निरीक्षण किया. उन्होंने खरीदी केन्द्रों में स्टॉक, उठाव, टोकन, ड्रेनेज सिस्टम एवं स्टेकिंग सहित अन्य बुनियादी चीजों का जायजा लिया. निरीक्षण के दौरान झुरानदी धान खरीदी केन्द्र में ड्रेनेज सिस्टम, स्टेकिंग और व्यवस्था में लापरवाही पाई गई. जिस पर कलेक्टर चंद्रकांत वर्मा ने एसडीएम को झुरानदी धान खरीदी केन्द्र में व्याप्त अव्यवस्थाओं का विस्तृत जांच करने के निर्देश दिए. इसके अलावा उन्होंने गंडई उपार्जन केन्द्र में भी क्षमता से अधिक किसानों को टोकन देने और खरीदी केन्द्र में अव्यवस्था का आलम पाये जाने पर भी नाराजगी जाहिर की. यहां समिति ने एक ही दिन में 177 किसानों को टोकन का वितरण कर दिया था. इस वजह से उपार्जन केन्द्र में गाड़ियों की संख्या ज्यादा हो गई थी. जिससे धान खरीदी में व्यवधान पैदा हो रहा था. इसके अलावा इलेक्ट्रानिंक तराजू की संख्या भी कम थी. इस वजह से बेहद धीमे तरीके से खरीदी हो रही थी. कलेक्टर श्री वर्मा ने अव्यवस्था का आलम देखकर समिति प्रबंधक को तल्ख शब्दों में व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए. वही टोकर को रिशेड्यूलिंग करने समिति प्रबंधक को निर्देशित किये. इस दौरान छुईखदान एसडीएम रेणुका रात्रे, डीएमओ चंद्रपाल दिवान, फूड इंस्पेक्टर गरिमा सोरी सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे.

कलेक्टर श्री वर्मा ने गंडई उपार्जन केन्द्र में किसानों को क्षमता से अधिक टोकन देने और उस लिहाज से खरीदी व्यवस्था कम पाये जाने को लेकर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने खरीदी केन्द्र में गाड़ियों का जमावड़ा देखकर समिति प्रबंधक को तल्ख शब्दों में व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए. कलेक्टर श्री वर्मा ने केन्द्र में इलेक्ट्रानिक तराजू और हमालों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए है. ताकि समर्थन मूल्य में की जा रही खरीदी के शेष दिनों में ज्यादा से ज्यादा किसानों की उपज खरीदने के साथ ही उन्हें कोई असुविधाओं का सामना न करना पड़े. साथ ही राजस्व के अलावा संबंधित विभाग के अधिकारियों को भी केन्द्रों में नजर रखने के निर्देश दिए हैं.

कलेक्टर श्री वर्मा ने कहा कि सभी उपार्जन केन्द्रों में विभाग के निर्देशानुसार केन्द्र में ड्रेनेज की व्यवस्था और खरीदे गये धान की स्टेकिंग होनी ही चाहिए. साथ ही बेमौसम वर्षा के प्रति भी सावधानी रखते हुए धान के स्टॉक को ढकने के लिए तिरपाल की भी उपलब्धता का ध्यान रखे. उन्होंने केन्द्र प्रभारियों से कहा कि धान बेचने आने वाले किसानों का हर संभव सहयोग करें. साथ ही पूछ-ताछ व पर्ची की जांच कर वास्तविक किसान होने की पुष्टि भी कर लें. किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो इसका भी ध्यान रखें.

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