वार्ड के अंदर भी मवेशियों के साथ रहता हैं आवारा कुत्तों का जमावड़ा
चिकित्सकों के राउंड के दौरान भी वार्ड में ही पड़े रहते हैं जानवर
जिले के सबसे बड़े अस्पताल में सफाई के नाम पर हो रही महज खानापूर्ति
सत्यमेव न्यूज़ खैरागढ(मनोहर सेन). जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल का हाल-बेहाल हैं। यहां लचर प्रशासनिक व्यवस्था के कारण आवारा पशुओं ने अपना ठिकाना बना लिया है। बता दे कि ये जिला मुख्यालय खैरागढ़ का एकमात्र सरकारी अस्पताल है लेकिन अव्यवस्था के कारण ये अस्पताल आज खुद बीमार है। यहां हालात ऐसे हैं कि अस्पताल परिसर के साथ ही मरीजों के उपचार वाले वार्डों में भी आवारा पशुओं का बेखौफ कब्जा है। हमारी पड़ताल के दौरान अस्पताल के अंदर महिला वॉर्ड से लेकर सर्जिकल वॉर्ड तक आवारा पशुओं का जमघट नजर आया। यहीं नहीं आपको वॉर्ड के गेट के साथ ही नर्स और चिकित्सकों के कमरे और आसपास भी आवारा पशु जुगाली करते या पूँछ हिलाते नजर आएंगे। अस्पताल की ऐसी हालत पर अब प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।
सफाई के नाम पर हो रही महज खानापूर्ति
बारिश और बढ़ते संक्रमण के बीच सफाई के नाम सिविल अस्पताल में महज खानापूर्ति की जा रही है। ज्ञात हो कि जिला निर्माण के बाद भी यहाँ सफाई कर्मियों की भी कमी हैं। सुबह 8:00 से रात 10:00 तक किसी भी समय कोई सिविल अस्पताल पहुंचे तो यहां डॉक्टर और नर्स से पहले आवारा पशु नजर आते हैं। डॉक्टर के राउंड के समय भी वार्ड में आवारा पशु यहां विचरण करते रहते हैं जिनमें मुख्य रूप से कुत्तों का यहां जमावड़ा दिखता हैं। यह भी खतरे की बात हैं कि आवारा पशु कब किसके ऊपर हमला कर दे कुछ कहा नहीं जा सकता लेकिन सिविल अस्पताल प्रबंधन इसे लेकर गंभीर नहीं है। भर्ती मरीजों के साथ-साथ उनके परिजन भी आवारा पशुओं से डरे-डरे अपना इलाज करवा रहे हैं फिर भी विभाग बेसुध है।
जिला निर्माण तो हुआ पर पर मुख्यालय में ही स्वास्थ्य सुविधाओं का टोटा
खैरागढ़ जिला तो बन गया मगर स्वास्थ सुविधाओं से अभी भी सिविल अस्पताल कोसों दूर है। भर्ती मरीजों के परिजनों का कहना है कि खैरागढ़ का सिविल अस्पताल भगवान भरोसे संचालित होता है। हमें इलाज कराने मजबूरी में यहां आना पड़ता है। सरकार बैनर पोस्टर में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर लाखों रुपए फूंक देती है मगर धरातल पर मंजर कुछ और ही नजर आता है।
आवारा पशु कहीं भी घूस जाते हैं, सिविल अस्पताल की व्यवस्था बीएमओ देखते हैं आप उनसे बात कर लीजिए।
डॉ.गणेश दास वैष्णव, सीएमएचओ केसीजी
सिविल अस्पताल में सुरक्षा के उपाय नहीं है इसी वजह से आवारा पशु यहां घूस आते हैं। कर्मचारियों की कमी के बावजूद सफाई व्यवस्था का ध्यान दिया जा रहा है।
डॉ.विवेक बिसेन बीएमओ खैरागढ़