गौ तस्करी में सरपंच पति का नाम आने पर बचाव में आया सिन्हा समाज

सत्यमेव न्यूज़ खैरागढ़. अंतर्राज्यीय गौ तस्करी मामले के आरोपियों में मुढ़ीपार सरपंच पति घनश्याम सिन्हा का नाम शामिल होने के बाद इसके विरोध में सिन्हा समाज सामने आया है। जिला मुख्यालय के फॉरेस्ट रेस्ट हाउस में पत्रवार्ता का आयोजन कर सिन्हा समाज के जिला अध्यक्ष दीनदयाल सिन्हा, सचिव नरोत्तम सिन्हा, खैरागढ़ तहसील अध्यक्ष कुंभलाल सिन्हा व कार्यकारिणी सदस्य भीखम सिन्हा की उपस्थिति में मुढ़ीपार सरपंच पति घनश्याम ने पुलिस विभाग की कार्यवाही को सिरे से नकारते हुये कहा कि पुलिस द्वारा मुझे बदनाम किया जा रहा है। घनश्याम ने बताया कि लगभग 130 मवेशियों को गांव वालों की सहमति से पालने के लिये मौहाढार भिजवाया था किन्तु गौ तस्करी से मेरा कोई लेना-देना नहीं है फिर भी पुलिस विभाग द्वारा मुझे गौ तस्करी का आरोपी बनाया गया है जो बेबुनियाद है। सिन्हा समाज के अन्य प्रतिनिधियों ने बताया कि घनश्याम सिन्हा का नाम गौ तस्करी के मामले में शामिल होने से सिन्हा समाज की छबि धूमिल हुई है, इस मामले को लेकर सिन्हा समाज के पदाधिकारी कलेक्टर से निष्पक्ष जांच की मांग करेंगे।

पत्रवार्ता के बाद समाज के पदाधिकारियों ने कलेक्टर व एसपी सहित गृह मंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा है। ज्ञापन में समाज के पदाधिकारियों ने बताया है कि उक्त मामले में समाज को स्पष्ट लग रहा है कि राजनीतिक दृष्टिकोण से गांव के प्रतिष्ठीत व्यक्ति की छवि को धुमिल करने का प्रयास हो रहा है। जबकि मामला जुलाई माह का जिसमें ग्राम मुढीपार में लगभग 150 आवारा पशुओं का जमावाड़ा हुआ था, आस-पास के लोगों द्वारा मवेशी को मुढीपार में छोड़ दिये थे। गांव के 50 लोगों द्वारा आश्रित ग्राम टिंगामाली के जंगल में छोड़ने के लिए सामूहिक निर्णय लेकर कार्यवाही कर रहे थे, उसी दौरान कुछ आसामाजिक तत्वों द्वारा झूठी खबर फैलाकर पशु तस्करी करने की मनगंढत बाते फैलायी जबकि तीन महीने पूर्व इस प्रकरण में निर्दाेषों पर कार्यवाही को रोकने के लिए कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के पास आवेदन दिया गया था, जिस पर एसपी ने सही जांच का आश्वाशन दिया गया था लेकिन इस प्रकरण में अचानक कार्यवाही से सिन्हा समाज अत्यंत दुखी और क्रुद्ध है। ज्ञापन देने पहुंचे समाज के पदाधिकारियों ने जब एसपी से मुलाकात की तब एसपी ने बताया कि गांव में हुई बैठक से पहले घनश्याम सिन्हा का मामले में संलिप्त होने की सबूत मिली है जिसके आधार पर कार्यवाही हुई है। उक्त बातें सुनने के बाद समाज के प्रतिनिधियों ने चुप्पी साध ली और वापस लौट गये।

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