आर्थिक तंगी और बिमारी बनी मौत का कारण
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. गुजरात से लौटा बिमार युवक ने उपचार से पहले ही दम तोड़ दिया. विडम्बना देखिये मूल रूप से ग्राम पेन्ड्रीकला (खैरागढ़) का रहने वाला लोकेश दास मानिकपुरी पिता मन्नूदास मानिकपुरी उम्र 35 वर्ष गुजरात में रोजी-मजदूरी करने गया था लेकिन आर्थिक परेशानियों के कारण बहुत अधिक तबियत बिगडऩे के बाद वह गुजरात से खैरागढ़ लौटा और बस स्टैंड से अपना इलाज कराने की मंशा लिये सीधे सिविल अस्पताल पैदल पहुंचा, पर अस्पताल परिसर पहुंचते ही वह निर्माणाधीन बिल्डिंग के पास रखी गिट्टियों के ढेर में वह औंधे मुंह गिर गया और उसकी मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई.
इस घटना के दौरान पास से गुजर रहे लोगों ने बताया कि बिमारी से जूझ रहा लोकेश ठीक से चल नहीं पा रहा था और मौके पर उसके नाक से अचानक खून निकलने लगा और देखते ही देखते वह औंधे-मुंह गिर गया, लोगों ने उसे उठाने की कोशिश भी की लेकिन वह उठ नहीं पाया जिसके बाद स्टॉफ नर्स की टीम पहुंची और चिकित्सको ने पहुंचकर जब उसकी नब्ज देखी तो वह इस दुनियां से चल बसा था. घटना के कुछ देर बाद मृत युवक की पहचान पेन्ड्रीकला निवासी लोकेशदास मानिकपुरी के रूप में हुई और उसके परिजनों को सूचना दी गई.
लोकेश के पास खैरागढ़ लौटने के लिये भी नहीं थे रूपये, पिता ने सुनाई व्यथा
मृत युवक लोकेश के पास खैरागढ़ लौटने के लिये रूपये नहीं थे और वह बहुत अधिक बिमार था. युवक की मृत्यु के बाद अस्पताल पहुंचे उसके पिता मन्नूदास ने बताया कि लोकेश बीते कुछ समय से बिमार था, गुजरात में ठीक से उपचार नहीं मिलने और आर्थिक तंगी के कारण उसकी तबीयत और बिगड़ गई, लोकेश किसी तरह हिम्मत कर खैरागढ़ स्थित पेन्ड्री अपने गांव वापस आना चाहता था लेकिन उसके पास पर्याप्त रूपये नहीं थे.
पर किसी तरह वह भूसावल से पहले व्यारा स्टेशन पहुंचा जहां रूपये नहीं होने पर उसके पिता ने किसी तरह गांव लौंटने तक का खर्च लोकेश को भिजवाया था और वह लौट भी गया लेकिन समय पर उपचार नहीं मिलने के कारण उसकी अंतत: मौत हो गई. बीएमओ डॉ.विवेक बिसेन ने बताया कि मृत युवक का शव अस्पताल के शवगृह में रखा गया हैं, सोमवार की सुबह उसका पोस्टमार्टम किया जायेगा वहीं पुलिस ने युवक की मौत के बाद मर्ग कायम कर मामले को जांच-विवेचना मे लिया हैं.