खैरागढ़ का बाजार दीपावली से पहले सुना पुष्य नक्षत्र पर नहीं दिखी रौनक, महंगाई और फसल खराबी ने तोड़ी चमक

सत्यमेव न्यूज के लिए मनोहर सेन खैरागढ़। दीपावली से ठीक पहले जहां बाजारों में रौनक देखने को मिलती थी वहीं इस बार खैरागढ़ का मुख्य बाजार सुना-सुना नजर आया। मंगलवार को पुष्य नक्षत्र होने के बावजूद शहर की गलियों में ग्राहकों की भीड़ गायब रही। महंगाई, खराब फसल और आर्थिक तंगी के चलते व्यापारी चिंतित हैं और उम्मीद खोते नजर आ रहे हैं। आम तौर पर इस शुभ नक्षत्र पर खरीदी का दौर शुरू हो जाता है। सोना-चांदी, बर्तन, कपड़े और इलेक्ट्रॉनिक दुकानों में ग्राहकों की कतारें लगी रहती हैं परंतु इस बार बाजार में सन्नाटा पसरा रहा। शहर के प्रमुख सराफा व्यापारी दिनभर ग्राहकों का इंतजार करते रहे। कुछेक ग्राहक दुकानों पर पहुंचे भी तो बढ़े हुए दाम देखकर बिना खरीदी किए लौट गए। सर्राफा व्यापारी रमेश सोनी ने बताया कि पहले पुष्य नक्षत्र पर एक दिन का कारोबार हफ्ते भर की बिक्री के बराबर होता था। लेकिन अब तो लोग पूछताछ कर लौट रहे हैं। सोना 1लाख 34 हजार रुपये प्रति तोला के पार और चांदी 1लाख रुपये किलो पहुंच चुकी है ऐसे में आम परिवार खरीद नहीं पा रहे। दूसरी ओर कपड़ा, मिठाई और सजावटी सामानों की दुकानों में भी बिक्री बेहद धीमी रही। मिठाई दुकानदारों ने बताया कि पिछले साल की तुलना में बिक्री में करीब 40 प्रतिशत तक गिरावट आई है। व्यापारी संघ अध्यक्ष अशोक मुणोत ने कहा खैरागढ़ की अर्थव्यवस्था पूरी तरह किसानों पर निर्भर है। इस बार खरीफ सीजन में फसल खराब हो गई और धान खरीदी की तारीख आगे बढ़ने से किसानों के हाथ में नकदी नहीं है। जब गांवों में पैसा नहीं पहुंचेगा तो बाजार में भी मंदी बनी रहेगी।

राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। कांग्रेस नेता एवं पूर्व सांसद प्रतिनिधि कपिनाथ महोबिया ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भूपेश बघेल सरकार के समय दीपावली से पहले किसानों को बोनस और किस्तें मिल जाती थीं जिससे बाजारों में रौनक रहती थी। अब बिजली बिल हाफ योजना बंद हो गई महंगाई बढ़ गई और किसानों को भुगतान में देरी से आर्थिक संकट गहराया है। वहीं कुछ व्यापारियों का मानना है कि त्योहार के अंतिम सप्ताह में स्थिति में सुधार हो सकता है। इलेक्ट्रॉनिक कारोबारी सुनील जैन ने कहा कि लोग अभी इंतजार कर रहे हैं जैसे-जैसे दीपावली नजदीक आएगी शायद ग्राहकों की भीड़ लौटे। इस बार दीपावली की रोशनी से पहले खैरागढ़ के बाजार में सन्नाटा जरूर है लेकिन व्यापारी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि अगले कुछ दिनों में शहर फिर से रोशनी और रौनक से जगमगाएगा।

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