
30 से अधिक गाँवों पर संभावित पर्यावरणीय व सामाजिक दुष्प्रभावों का हवाला देकर परियोजना को तत्काल निरस्त करने उठाई मांग
11 दिसंबर की जनसुनवाई को निरस्त कर स्वतंत्र वैज्ञानिक एजेन्सी से नई रिपोर्ट की मांग
सत्यमेव न्यूज के लिए आकाश तिवारी की रिपोर्ट खैरागढ़। सण्डी ब्लॉक क्षेत्र में प्रस्तावित चूना पत्थर खदान और श्री सीमेंट परियोजना के विरोध को लेकर खैरागढ़ विधायक यशोदा निलांबर वर्मा की अगुवाई में ग्रामीणों, सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों ने जिला कलेक्टर को विस्तृत ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि राज्य सरकार द्वारा अग्रसारित यह परियोजना पर्यावरण, जलस्रोत, कृषि, मानव स्वास्थ्य और स्थानीय जनजीवन पर गहरा दुष्प्रभाव डालेगी। विधायक यशोदा ने आरोप लगाया कि परियोजना पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिसूचना 2006 के अंतर्गत श्रेणी-ए में आते हुए भी प्रस्तुत रिपोर्ट में महत्वपूर्ण वैज्ञानिक मानकों का पालन नहीं किया गया है। खुली खदान से उत्पन्न होने वाले धूल, ध्वनि, जल एवं वायु प्रदूषण के नियंत्रण के लिए कोई ठोस उपाय शामिल नहीं हैं। मिट्टी, वनस्पति और जैव-विविधता संबंधी अध्ययनों का डाटा भी रिपोर्ट में अनुपस्थित है। ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि सण्डी, पंडरिया, बुंदेली, विचारपुर, भरदागोंड सहित 30 से अधिक गाँवों का जनजीवन गंभीर रूप से प्रभावित होगा। क्षेत्र के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं कांग्रेस नेता मोतीलाल जंघेल ने चिंता व्यक्त की है कि परियोजना के चलते जलस्रोत सूखने और भू-जल स्तर और गिरने की संभावना है जिससे पेयजल और सिंचाई दोनों पर संकट बढ़ेगा। प्रतिनिधियों ने कहा कि परियोजना के बदले मात्र 138 रोजगार का दावा किया जा रहा है जबकि इसके कारण हजारों किसानों की उपजाऊ भूमि अधिग्रहित होगी और लगभग 20,000 से अधिक लोगों की आजीविका प्रभावित होगी। इसे जनहित के विपरीत बताते हुए ग्रामीणों ने परियोजना को पूरी तरह अस्वीकार किया। ज्ञापन में 11 दिसंबर को प्रस्तावित जनसुनवाई को भी अनुचित बताते हुए कहा गया कि पूर्व में हुई सुनवाई में ग्रामीणों की आपत्तियाँ अनसुनी कर दी गई थी। ग्रामीणों ने मांग की कि जनसुनवाई को तुरंत निरस्त कर परियोजना का नया और स्वतंत्र वैज्ञानिक मूल्यांकन कराया जाए। ग्रामीणों ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने जनता की भावनाओं और जनहित को प्राथमिकता नहीं दी तो वे शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए बाध्य होंगे।