कांग्रेस संगठन बैठक में फूटा असंतोष, वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने जताई उपेक्षा पर नाराजगी

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. कांग्रेस के सुजन संगठन अभियान के अंतर्गत गुरुवार को शहर कांग्रेस की बैठक में उस समय असंतोष का माहौल बन गया जब वर्षों से पार्टी से जुड़े समर्पित वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने संगठन में उपेक्षा और पारदर्शिता की कमी को लेकर खुलकर नाराजगी जताई।
बैठक के दौरान कार्यकर्ताओं ने जिला कांग्रेस अध्यक्ष गजेन्द्र ठाकरे को घेरते हुए कहा कि लंबे समय से सेवा दे रहे पुराने कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर नए चेहरों को प्राथमिकता दी जा रही है जिससे संगठन की जड़ों पर असर पड़ रहा है।

बैठक की शुरुआत में ही वरिष्ठ नेता राजेश लुनिया और अरशद हुसैन ने मंच से अपनी बात रखते हुए संगठन की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए। पूर्व पार्षद सोनू ढीमर और किशन रजक ने भी अपनी उपेक्षा पर असंतोष जताया और संगठन में समन्वय की कमी पर चिंता व्यक्त की।

बैठक में शहर कांग्रेस के पुनर्गठन को लेकर विस्तृत योजना बनाई गई जिसके तहत खैरागढ़ को तीन मंडल- पिपरिया, गोलबाजार और दाउचौरा में विभाजित किया गया। प्रत्येक मंडल के अंतर्गत दो-दो सेक्टर बनाए जाएंगे। पिपरिया मंडल में वार्ड 3, 4, 19, 20, गोलबाजार मंडल में वार्ड 5 से 11 तथा दाउचौरा मंडल में अमलीपारा, अमलीडीह व अंबेडकर वार्ड सहित अन्य वार्ड शामिल किए गए हैं।

प्रत्येक सेक्टर के लिए प्रभारी नियुक्त किए जाने थे लेकिन जानकारी समय पर न पहुंच पाने के कारण चयन प्रक्रिया स्थगित करनी पड़ी। इस पर भी कई कार्यकर्ताओं ने रोष जताते हुए सूचना तंत्र की मजबूती की मांग की।

बैठक में जिला पंचायत सदस्य सुश्री शताक्षी देवव्रत सिंह ने स्पष्ट कहा कि संगठन में जिम्मेदारी उन्हीं को दी जानी चाहिए जो पार्टी के प्रति निष्ठावान हों और कांग्रेस की गरिमा को बनाए रखने में सक्षम हों। उन्होंने नए और पुराने कार्यकर्ताओं के बीच भेदभाव समाप्त करने की आवश्यकता पर बल दिया। इस अहम बैठक में कांग्रेस नेता व शहर प्रभारी विजय वर्मा, पूर्व विधायक गिरवर जंघेल, पदमा सिंह, नगर पालिका उपाध्यक्ष रज्जाक खान, शहर कांग्रेस अध्यक्ष भीखमचंद छाजेड़, जितेन्द्र गौर, सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और पदाधिकारी उपस्थित रहे। यह बैठक कांग्रेस के संगठनात्मक ढांचे को मजबूती देने का एक प्रयास तो रही लेकिन कार्यकर्ताओं के बीच उपेक्षा की भावना को दूर किए बिना संगठनात्मक मजबूती की दिशा में सार्थक कदम संभव नहीं दिखते।

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