सत्यमेव न्यूज़ खैरागढ़. कलाओं के बेहतर संरक्षण एवं संवर्धन के लिये इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय घोषित करने भाजपा जिलाध्यक्ष घमन साहू के उपस्थित में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया है। भाजपा नेता नरेंद्र सोनी ने कहा खैरागढ़ विश्वविद्यालय केंद्रीय विश्वविद्यालय बनने से जिला वासियों के लिये रोजगार के नये अवसर उपलब्ध होंगे। श्री सोनी ने आगे कहा पांडादाह स्थित राजगामी संपदा न्यासिक न्यास की भूमि का अधिग्रहण इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के लिये अति आवश्यक है। भाजपा का संकल्प हर वर्ग का कल्याण की तर्ज पर डबल इंजन सरकार से मांग है कि पांडादाह स्थित राजगामी न्यास की भूमि का अधिग्रहण इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के नाम पर की जाये जिसके लिये भाजपा नेता नरेंद्र सोनी ने जिला भाजपा अध्यक्ष घम्मन साहू की उपस्थिति में मुख्यमंत्री का नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया खैरागढ़ के तत्कालीन स्वर्गीय राजा वीरेंद्र बहादुर सिंह एवं स्वर्गीय रानी पद्मावती देवी सिंह के द्वारा अपनी मंझली बेटी राजकुमारी इंदिरा की स्मृति में 14 अक्टूबर 1956 में इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय की स्थापना की गई जो संगीत नृत्य लोक कला एवं अन्य संबंधित विधाओं से जुड़े होने के कारण राज्य के अन्य विश्वविद्यालय भिन्न प्रकृति का है जिसके कारण यह विश्वविद्यालय भारत का हीं नहीं पूरी एशिया का एकमात्र ललित कला के लिये समर्पित ख्याति प्राप्त संगीत विश्वविद्यालय है। श्री सोनी ने बताया कि केंद्र एवं राज्य शासन द्वारा विभिन्न भाषाओं एवं अन्य विधाओं के लिये देश में कई केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की गई जबकि शास्त्री संगीत, नृत्य लोक संगीत, दृश्य कला एवं फाइन आर्ट थिएटर, चित्रकला से संबंधित अभी तक केंद्र शासन का कोई भी केंद्रीय विश्वविद्यालय भारत में नहीं है इन सभी पारंपरिक व आधुनिक कलाओं के बेहतर संरक्षण एवं संवर्धन के लिये इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय घोषित करने एवं संबंधित विधाओं में सीटों की संख्या में इजाफा करते हुये संसाधनों के लिये जमीन की अति आवश्यकता है जिसके लिये पांडादाह में स्थित राजगामी की भूमि 600 एकड़ जमीन में से 400 एकड़ जमीन इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय को प्रदान करने के लिये मुख्यमंत्री के नाम पर कलेक्टर को ज्ञापन सौपा गया ताकि जिला वासियों के लिये भी रोजगार के नित्य ने नये अवसर का सृजन हो सके और संपूर्ण भारतवर्ष से आये छात्र-छात्राओं को समस्त संसाधनों के साथ बेहद अनुकूल वातावरण में ललित कला का अध्ययन कर सके।