शिक्षा सामाजिक सशक्तिकरण के लिए प्रथम एवम मूलभूत साधन”- नीलम राजपूत

सत्यमेव न्यूज़. “शिक्षा सामाजिक सशक्तिकरण के लिए प्रथम एवम मूलभूत साधन है, शिक्षा ही वह माध्यम है जिससे महिला, समाज में सशक्त एवम उपयोगी भूमिका की अनुभूति करा सकती है। शिक्षा के आधार पर ही महिला में दक्षता, कौशल, ज्ञान एवं क्षमताओं का विकास होता है वह ना केवल स्वयं लाभान्वित होती है, बल्कि भावी पीढी के लिए भी प्रेरणा श्रोत एवं अनुकरणीय होती है। वह स्वयं के दृष्टिकोण मे परिवर्तन के साथ साथ दूसरे के कौशल प्राप्ति में सहयोग की भावना विकसित करती है।” ऐसे ही सामाजिक एवं अपने कार्यक्षेत्र मे सकारात्मक बदलाव के लिए दृढ़ संकल्पित विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी सुश्री नीलम राजपूत ने अपने बढ़ते कदम के साथ दृढ़ निश्चय होकर लक्ष्य प्राप्ति के लिए अग्रसर है। नीलम ने छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग सन् 2015 में आयोजित परीक्षा में चयनित सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी के पद से शासकीय सेवा प्रारम्भ की और वर्तमान में वे विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी के पद पर पदोन्नत होकर विकासखंड खैरागढ़ में कार्यरत है। शिक्षा विभाग द्वारा प्रदत्त कार्यो को पूरी लगन एवं तनमन्यता से उनके द्वारा सकारात्मक परिणाम तक पहुचाया जा रहा है। ज्ञात हो कि बड़े-बड़े शहरों मे छात्र-छात्राओं के शैक्षणिक भ्रमण एवं जिज्ञासा की पूर्ति के लिए ऊर्जा पार्क, साईंस पार्क जैसे अनेक स्थल है परंतु नवगठित जिला खैरागढ़-छुईखदान-गंडई मे शैक्षणिक भ्रमण के लिये कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं। इस परिपेक्ष्य में नीलम ने अपना लक्ष्य निर्धारित किया कि संगीत नगरी के नाम से विख्यात खैरागढ़ जो कि संगीत, कला व ललित कला का तीर्थ माना जाता है जैसे पवित्र स्वर्णिम भूमि में संगीत, कला के विकास के साथ साथ बच्चों के वैज्ञानिक जिज्ञासा की तुष्टी के लिए एक एष्ट्रोनामी लैब होनी चाहिए इसलिए खैरागढ़ शहर के बीचो-बीच स्थित प्राथमिक शाला क्र-01 जो कि जर्जर अवस्था में था उसका जीर्णोध्दार करने का सार्थक निर्णय लिया। कहते हैं यदि जुनून हो तो लक्ष्य की पूर्ति में अनेक बाधाएं अपने आप दूर हो जाती है, उन्होंने शिक्षकों एवं क्षेत्र के समाजसेवियों के सामुदायिक सहयोग से लगभग 15 लाख की लागत में एस्ट्रोनॉमि लैब तैयार करवाया। बिना किसी सरकारी अनुदान के यह लैब आज जिले में ही नहीं बल्कि शिक्षा संभाग दुर्ग मे पहला एस्ट्रोनॉमि लैब होने की ख्याति अर्जित कर रहा है जिसका शुभारंभ संतोष पाण्डे सांसद लोकसभा क्षेत्र राजनांदगांव के कर कमलों से बीते वर्ष सम्पन्न हुआ। विकासखंड खैरागढ़ में शिक्षकों की कमी को देखते हुए और शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में सभी प्रथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में सामुदायिक सहयोग से प्रत्येक शालाओ मे शत् प्रतिशत स्मार्ट टीवी लगाने का लक्ष्य भी इनके मार्गदर्शन में पूरा किया गया। इस प्रयास से बच्चे खेल-खेल के माध्यम से सतत बुनियादी शिक्षा की जानकारी प्राप्त कर रहे है तथा पूर्व माध्यमिक विद्यालय के बच्चे स्मार्ट टीवी के माध्यम से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी आसानी से कर लेते है। सुश्री नीलम राजपूत ने जब से विकासखंड शिक्षा अधिकारी के रूप मे पदभार ग्रहण किया है तब से उनका विशेष प्रयत्न बच्चो को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करना रहा है। वे शाला निरीक्षण के दौरान प्रत्येक कक्षाओं में जाकर बच्चो को प्रतियोगी परीक्षाओं के महत्व को बताती और समझाती हैं तथा इस सम्बध मे शिक्षकों को भी आवश्यक रूप से प्रेरित करती है। प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय सह-साधन छात्रवृत्ति योजना, जवाहर नवोदय प्रवेश परीक्षा एवं प्रयास स्कूलों में चयन के लिये आयोजित परीक्षाओं के लिए विकासखंड स्तर में विशेष कार्यशाला का आयोजन किया जाता है। जिसके लिये खैरागढ़ के प्रत्येक विद्यालयो मे नि:शुल्क कोचिंग भी चलाई जाती है, परिणाम स्वरूप उनके भागीरथ प्रयास से विकासखंड खैरागढ़ से प्रथम बार 45 बच्चो का चयन राष्ट्रीय सह-साधन छात्रवृत्ति, 29 बच्चों का चयन प्रयास स्कूलों मे तथा अविभाजित राजनांदगांव जिले में खैरागढ़ से नावोदय विद्यालय मे सर्वाधिक बच्चो का चयन हुआ है। बतौर बीईओ नीलम ने शालाओं का सतत् निरीक्षण कर शैक्षणिक कसावट लाने का युद्ध स्तर पर प्रयास किया। उन्होंने इस मिथक को भी दूर किया कि एक महिला अधिकारी सुबह 9.00 बजे से शाम 6.00 बजे तक निरंतर शैक्षणिक गुणवत्ता में विकास के लिये कार्य नहीं कर सकती। उनका विशेष लक्ष्य शिक्षा की गुणवत्ता रखने के लिये शिक्षकों मे अनुशासन लाना एवं उन्हें कर्तव्यनिष्ठ बनाने के साथ छात्र-छात्राओं में आज के परिवेश को ध्यान मे रखते हुए प्रतियोगी परीक्षाओं के लिये तैयार करना एवं उनका कौशल विकास करना है।

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