मकान विवाद ने लिया उग्र रूप, आधी रात थाने पहुंचे सैकड़ों ग्रामीण

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़। खैरागढ़ जिला मुख्यालय से महज 18 किमी दूर कबीर पंथी गांव करमतरा में एक पुराना मकान विवाद अचानक हिंसक तनाव में बदल गया। पुलिस की कथित निष्क्रियता से आक्रोशित सैकड़ों ग्रामीण आधी रात जालबांधा चौकी तक पहुंच गए जहां जमकर नारेबाजी हुई।
बताया जा रहा है कि यदि समय रहते प्रशासनिक सख्ती होती तो शायद करमतरा गांव की आधी रात भय और आक्रोश में न बदलती। मामूली मकान विवाद ने ऐसा उग्र रूप लिया कि ग्रामीणों को थाने तक कूच करना पड़ा जिससे स्थानीय स्तर पर पुलिस की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं।

बीती रात करीब 12 बजे सैकड़ों ग्रामीणों का आक्रोश जालबांधा चौकी तक जा पहुंचा जहां पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। ज्ञात हो कि मामला गांव के भूपत साहू और तेजेश्वरी साहू के बीच लंबे समय से चले आ रहे मकान विवाद से जुड़ा है। ग्रामीणों का आरोप है कि भूपत साहू लगातार गांव में तनाव की स्थिति उत्पन्न कर रहा था जिसकी शिकायतें पूर्व में भी पुलिस और पंचायत स्तर पर की गई लेकिन समय रहते कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों के अनुसार विवाद सुलझाने के लिए कई बार पंचायत बैठकों और समझाइश का सहारा लिया गया लेकिन आरोपित पक्ष की ओर से लगातार धमकी, उकसावे और दबाव की राजनीति जारी रही। हालात उस वक्त और बिगड़ गए जब बीती रात खुलेआम नाम लेकर धारदार हथियारों से जान से मारने की धमकियां दी गई। इससे गांव में भय का माहौल बन गया और महिलाएं, बच्चे व बुजुर्ग खुद को असुरक्षित महसूस करने लगे। दहशत के माहौल में ग्रामीण घरों से निकलकर सीधे जालबांधा चौकी पहुंच गए। आरोप है कि पुलिस की ओर से देर से की गई कार्रवाई ने हालात को और तनावपूर्ण बना दिया। आक्रोश इस कदर बढ़ा कि थाना परिसर में ‘पुलिस मुर्दाबाद’ जैसे नारे तक लगाए गए। शिकायत के बाद पुलिस ने भूपत दास उर्फ साहेब, दीपक साहू और उसके पुत्र सूर्यकांत साहू को हिरासत में लेते हुए भारतीय न्याय संहिता की धारा 170 एवं 126 के तहत कार्रवाई की गई है। हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि यह कार्रवाई दबाव में और काफी देरी से की गई है। ग्रामीणों ने बताया कि लगातार मिल रही धमकियों के कारण गांव का सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है। स्कूल जाने वाले बच्चे, खेतों में काम करने वाले किसान और घरों में रहने वाली महिलाएं भय में हैं। मामले में जालबांधा चौकी प्रभारी बीरेंद्र चंद्राकर ने स्थिति नियंत्रण में होने का दावा किया है। फिलहाल गांव में तनाव और पुलिस की अंततः कार्यवाही के बाद शांति बनी हुई है।

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