बहुप्रतीक्षित टिकरापुल-गोकुल नगर को मिली प्रशासनिक स्वीकृति

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़। वर्षों से एक अदद और प्रतीक्षित टिकरापुल-गोकुल नगर (मोती नाला पर उच्चस्तरीय पुल एवं पहुंच मार्ग) के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया है। राज्य शासन के लोक निर्माण विभाग द्वारा 12 दिसंबर 2025 को जारी आदेश के अनुसार इस महत्वपूर्ण परियोजना के लिए ₹686.56 लाख (6 करोड़ 86 लाख 56 हजार रुपये) की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है। यह पुल खैरागढ़ कलेक्ट्रेट के सामने ग्राम अकरजन मार्ग पर निर्मित होगा जिससे शहर सहित आसपास के ग्रामीण अंचल को आवागमन में बड़ी सुविधा मिलेगी।

टिकरापुल की स्वीकृति के पीछे पूर्व पार्षद प्रीति चंद्रशेखर यादव के वर्षों से चले आ रहे सतत प्रयासों को अहम माना जा रहा है। उन्होंने कांग्रेस शासन काल से लेकर वर्तमान सरकार तक विभिन्न मंत्रियों एवं शासन-प्रशासन को कुल 27 मांग पत्र व निवेदन पत्र सौंपकर इस विषय को लगातार जीवित रखा। प्रशासनिक स्वीकृति की सूचना मिलते ही उन्होंने शासन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए क्षेत्रवासियों के साथ खुशी साझा की। इस अभियान में उनके पति चंद्रशेखर यादव तथा साहू समाज के जिला अध्यक्ष टीलेश्वर साहू की सक्रिय भूमिका भी उल्लेखनीय रही।

इस बहुप्रतीक्षित मांग को शासन स्तर तक प्रभावी ढंग से पहुंचाने में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और स्थानीय नागरिकों का सहयोग निर्णायक रहा। इस क्रम में सांसद संतोष पांडे, विधायक यशोदा वर्मा, जिपं उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह सहित अनेक जनप्रतिनिधियों और नागरिकों ने समन्वय बनाकर लगातार प्रयास किए। परिणामस्वरूप वर्ष 2025-26 के बजट में इस कार्य को शामिल करते हुए प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई।

यह परियोजना जवाहर सेतु योजना (नाबार्ड पोषित) के अंतर्गत स्वीकृत की गई है। शासनादेश में स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि निविदा आमंत्रण से पूर्व तकनीकी स्वीकृति, ड्राइंग व डिजाइन की मंजूरी तथा न्यूनतम 90 प्रतिशत बाधा-रहित भूमि की उपलब्धता अनिवार्य होगी। यदि भू-अर्जन आवश्यक हुआ तो वह स्वीकृत राशि की सीमा में एवं विधिवत प्रक्रिया के तहत ही किया जाएगा। निविदा प्रक्रिया को निष्पक्ष, पारदर्शी और समयबद्ध रखने के निर्देश भी जारी किए गए हैं। शासन द्वारा निर्माण कार्य में गुणवत्ता, मितव्ययिता एवं समयसीमा को लेकर कड़े निर्देश दिए गए हैं। कार्य मात्रा में 10 प्रतिशत से अधिक वृद्धि या स्वीकृत सीमा से अधिक व्यय की स्थिति में पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति लेना अनिवार्य होगा। सामग्री या कार्य में गुणवत्ता की कमी पाए जाने पर उत्तरदायित्व तय कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। अनुबंध के अनुसार समय पर कार्य पूर्ण न होने की स्थिति में अर्थदंड सहित समयवृद्धि के प्रावधान भी लागू होंगे। क्षेत्र के विकास को मिलेगी नई रफ्तार स्थानीय नागरिकों के अनुसार मोती नाला पर उच्चस्तरीय पुल के निर्माण से विशेषकर वर्षा ऋतु में आवागमन की वर्षों पुरानी समस्या का समाधान होगा। कलेक्ट्रेट, शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच संपर्क सुगम होगा, जिससे व्यापार, शिक्षा, प्रशासनिक कार्यों और जनसुविधाओं को नई गति मिलेगी। वर्षों की प्रतीक्षा के बाद मिली यह स्वीकृति खैरागढ़ क्षेत्र के बुनियादी ढांचे के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।

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