प्रेमचंद से परसाई तक और शिक्षक दिवस पर खैरागढ़ के सर्रागोंदी में हुआ विशेष आयोजन

सत्यमेव न्यूज मनोहर सेन खैरागढ़। साहित्य और समाज को जोड़ने वाली परंपरा को आगे बढ़ाते हुए साहित्य जगत में बहुप्रतिष्ठित पाठक मंच खैरागढ़ एवं प्रगतिशील लेखक संघ खैरागढ़ के संयुक्त तत्वावधान में ग्राम पंचायत सर्रागोंदी में “प्रेमचंद से परसाई तक और शिक्षक दिवस 2025” का आयोजन “चलो गांव की ओर” योजना के अंतर्गत संपन्न हुआ।

मुख्य वक्ता डॉ.वीरेन्द्र मोहन शुक्ल ने कहा कि प्रेमचंद और परसाई हमारे साहित्यिक पुरखे हैं।
प्रेमचंद ने स्वतंत्रता आंदोलन के समय किसान और मजदूर वर्ग को केंद्र में रखकर लेखन किया। परसाई ने आज़ादी के बाद पनपी अफसरशाही, पैसे वालों के बोलबाले और पाखंड का तीखा विरोध अपने व्यंग्य से किया। उन्होंने कहा दोनों साहित्यकार मात्र लेखक नहीं बल्कि समाज सुधारक भी हैं यही करुणा और सत्यनिष्ठा हमें संबल देती है। शिक्षक गिरधर सिंह राजपूत ने प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी “शतरंज के खिलाड़ी”
का वाचन किया जिसके बाद छत्तीसगढ़ राज्य अलंकरण से सम्मानित वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.जीवन यदु ने इसका सार बताते हुए कहा कि कहानी का मूल संदेश जैसा राजा वैसी प्रजा है। साहित्यकार रवीन्द्र पाण्डेय ने परसाई की व्यंग्य रचना “टार्च बेचने वाला” का वाचन किया जिसके बाद वरिष्ठ पत्रकार एवं युवा कवि अनुराग शाँति तुरे ने कहा कि यह व्यंग्य अंधकार का डर दिखाकर व्यवसाय बनाने की प्रवृत्ति पर सटीक चोट करता है। आज भी रचना प्रासंगिक है क्योंकि आज भी केवल साधु के भेष में तथाकथित संत ही नहीं कई राजनेता, अफसर और बाबू भी झूठा प्रलोभन देकर केवल अपना व्यवसाय कर भोली भाली जनता का शोषण कर रहे हैं। वरिष्ठ कवि एवं शिक्षक विनयशरण सिंह ने कहा कि प्रेमचंद और परसाई की रचनाएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं।
उन्होंने बताया झूठी शान के लिए मरने-मारने वालों की मानसिकता आज भी कायम है तथा बाबागिरी और पाखंड आज भी समाज में हावी है। कवि एवं आलोचक संकल्प पहटिया ने कहा कि प्रेमचंद और परसाई की जयंती में केवल 22-23 दिन का अंतर है इसलिए यह संयुक्त आयोजन सार्थक है।
उन्होंने कहा राजाओं-महाराजाओं का इतिहास किताबों में है,लेकिन जनता का असली इतिहास प्रेमचंद और परसाई की किताबों में दर्ज है।

कार्यक्रम का संचालन करते हुये डॉ.प्रशांत झा ने कहा कि प्रेमचंद और परसाई समाज के प्रकाश स्तंभ हैं और वह हमेशा सब समाज को आईना दिखाते रहेंगे। इस अवसर पर ग्राम पंचायत व गांव वासियों के सहयोग से शिक्षकों का सामूहिक सम्मान भी किया गया। सम्मानित शिक्षकों में डॉ.वीरेन्द्र मोहन, डॉ.जीवन यदु, विनयशरण सिंह, टीकाराम देशमुख, रवि झोंका, गिरधर सिंह राजपूत और संकल्प पहटिया सहित पत्रकार अनुराग शाँति तुरे शामिल रहे। स्वागत भाषण रामावतार साहू (सरपंच प्रतिनिधि) ने दिया व आभार प्रदर्शन प्रताप साहू ने किया। आयोजन की रूपरेखा रवि झोंका और टीकाराम देशमुख ने तैयार की। कार्यक्रम में महिलाओं की उल्लेखनीय उपस्थिति रही। ग्राम पंचायत के सरपंच श्रीमती फुलेश्वरी साहू, उपसरपंच मेघु साहू, सचिव कैलाश यादव सहित पंचायत सदस्य और बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे। इस तरह ग्राम सर्रागोंदी प्रेमचंद और हरिशंकर परसाई की साहित्यिक रोशनी से आलोकित हुआ और शिक्षक दिवस पर गुरुओं का सम्मान कर आयोजन ऐतिहासिक बना।

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