पिता देवव्रत के प्रतिमा अनावरण के बाद देर शाम दीप जलाने पहुंचे आर्यव्रत और शताक्षी

सत्यमेव न्यूज़ खैरागढ़. दिवंगत देवव्रत सिंह के प्रतिमा अनावरण के बाद गुरुवार की देर शाम सिविल लाईन स्थित अपने पिता की प्रतिमास्थली पहुंच कर उनके पुत्र आर्यव्रत और पुत्री शताक्षी सिंह ने दीप प्रज्वलित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। ज्ञात हो कि पिता के प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में दिवंगत देवव्रत सिंह के पुत्र और पुत्री नहीं पहुंचे थे जिसका कारण आमंत्रण पत्र में उनका नाम नहीं होना बताया जा रहा है। इसके बाद गुरुवार शाम समर्थकों के साथ मूर्ति स्थल पहुंचकर आर्यव्रत और शताक्षी ने सबसे पहले अपने पिता की स्थापित प्रतिमा को प्रणाम कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और कांग्रेस नेता कन्हैया बैस, गुलाब चोपड़ा, मनराखन देवांगन, मीरा चोपड़ा, आरती महोबिया, सोनू राम ढीमर, जितेंद्र सिंह गौर, गुलशन तिवारी, कपिनाथ महोबिया, लाल राजेंद्र सिंह, पलाश सिंह, आरती यादव, रिंकू महोबिया, नित्यशरण सिंह, यतेंद्रजीत सिंह, पुरुषोत्तम वर्मा, दिलीप लहरे और समर्थकों के साथ सामूहिक रूप से दीपक जलाकर जिला प्रशासन को धन्यवाद ज्ञापित किया। दूसरी ओर स्व.देवव्रत सिंह की पत्नी विभा सिंह भी समारोह में शामिल नहीं हो पायी इसके लिये उन्होंने सोशल मीडिया साइट पर कहा कि उन्हें विलम्ब से आमंत्रण पत्र मिला इसलिए समारोह में शामिल नहीं हो पायी।

दिवंगत राजा देवव्रत सिंह की तीन साल पहले अचानक हुई मौत के बाद राज परिवार का पारिवारिक विवाद सार्वजनिक तो हुआ ही इन विवादों की आंच अब तक खैरागढ़ क्षेत्र की जनता गाहे-ब-गाहे महसूस करती ही रही है। स्व.सिंह की मौत के बाद वैसे तो उनका पूरा परिवार कांग्रेस का समर्थक रहा लेकिन अब उनकी द्वितीय पत्नी विभा सिंह कांग्रेस से काफी नाराज रही है। वर्तमान में दिवंगत राजा स्व.देवव्रत सिंह के पुत्र आर्यव्रत सिंह उनके राजनीतिक वारिस के रूप में देखे जा रहे हैं और बड़ी संभावना है कि आने वाले समय में आर्यव्रत कांग्रेस से विधानसभा चुनाव में अपनी ठोस दावेदारी पेश करें लेकिन इन परिस्थितियों के बीच अभी भी पारिवारिक विवाद शेष है। ज्ञात हो कि मूर्ति अनावरण कार्यक्रम के बाद सोशल मीडिया में एक बयान जारी कर विभा सिंह ने कहा कि मौजूदा भाजपा सरकार ने उनके पति की मूर्ति का अनावरण जन भावनाओं के अनुरूप किया है इसके लिये आभार वहीं विभा ने आगे लिखा हैं कि कांग्रेस सरकार में उन्हें बार-बार उपेक्षित किया गया लेकिन मौजूदा सरकार उन्हें लगातार सम्मान दे रही है।

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