नगर पालिका में वार्डों के परिसीमन के लिये अंतिम दिन कांग्रेस नेताओं सहित वार्डवासियों ने की आपत्ति


सत्यमेव न्यूज़ खैरागढ़. 20 वार्डों वाली संगीत नगरी खैरागढ़ की सीमाओं को लेकर परिसीमन के बाद दावा आपत्ति के अंतिम दिन सोमवार को खैरागढ़ एसडीएम कार्यालय में दिनभर गहमा-गहमी का माहौल देखने को मिला। परिसीमन की चपेट में आये वार्डों को बचाये रखने तथा बदलने कांग्रेस नेताओं सहित वार्डवासियों ने एसडीएम के समक्ष लिखित में अपनी आपत्ति दर्ज की है। ज्ञात हो कि कांग्रेस नेता मनराखन देवांगन, कांग्रेस पार्षद दीपक देवांगन, युवा कांग्रेस नेता अंकित चोपड़ा सहित विधायक यशोदा नीलाम्बर वर्मा, शहर कांग्रेस अध्यक्ष भीखमचंद छाजेड़, वार्डवासीगण संजीव अग्रवाल, प्रदीप अग्रवाल, विष्णुकांत महोबे, विपिन पटेल, चेतन प्रजापति, भरत चंद्राकर, प्रमोद अग्रवाल, किशोर सोनी, हरिदर्शन ढीमर, गोपीलाल, रमन तिवारी सहित बड़ी संख्या में नागरिकों ने अपने-अपने वार्डों की परिसीमन को लेकर आपत्ति दर्ज की है।

एसडीएम कार्यालय पहुंचे नागरिकों ने लिखित में आपत्ति दर्ज करते हुये वार्ड क्र. 09 ईतवारी बाजार और वार्ड क्र. 12 अमलीपारा में परिसीमन उपरांत किये गये संशोधन में आपत्ति दर्ज कराई है। आपत्ति में कहा गया है कि वार्डवासियों को वार्ड क्र. 09 में पूर्व में हुये परिसीमन उपरांत क्षेत्रफल को लेकर सुविधा थी और कोई आपत्ति नहीं की गई थी लेकिन नये परिसीमन में पूरी तरह नियम व कानून के विरूद्ध कार्य किया गया है। पूर्व में इस वार्ड की जनसंख्या 1169 थी जो वर्तमान में परिसीमन के बाद 992 हो गई है। अंतर की जनसंख्या 177 को वार्ड क्र. 06 बरेठपारा में जोड़ा गया है जो विधि विरूद्ध है। आपत्ति करने पहुंचे कांग्रेस नेता मनराखन देवांगन ने कहा कि वार्ड क्र. 06 बरेठपारा का प्रथम प्रकाशन कुल जनसंख्या 891 था जिसे वर्तमान में वार्ड क्र. 09 का 177 जनसंख्या को वार्ड क्र. 06 बरेठपारा में जोड़ा गया है। यह केवल व्यक्तिगत स्वार्थ के चलते राजनीतिक लाभ लेने के उद्देश्य से किया गया है। क्योंकि वार्ड क्र. 09 ईतवारी बाजार व वार्ड क्र. 06 बरेठपारा की जनसंख्या प्रथम प्रकाशन के पूर्व सामान्य एवं सुचारू रही है। दोनों वार्डों की जनसंख्या में परिवर्तन करने से नियमानुसार 15 प्रतिशत का भी अंतर नहीं आ रहा है। जबकि नियमानुसार 15 प्रतिशत अंतर उपर होने पर वार्डों की सीमाओं एवं जनसंख्या को प्रभावित किया जाना था जो कि वार्ड क्र. 09 ईतवारी बाजार के परिसीमन को लेकर वर्तमान में गलत किया गया है और इसे लेकर वार्ड के मतदाताओं ने अपनी घोर आपत्ति दर्ज की है। आपत्ति में कहा गया है कि इसी तर्ज पर वार्ड क्र. 12 अमलीपारा का परिसीमन 2011 की जनगणना के अनुसार 2018 में किया जा चुका है जिसे परिवर्तित करने की कोई आवश्यकता नहंी थी लेकिन केवल राजनीतिक दबाव या राजनीतिक फायदा उठाने के उद्देश्य से वर्तमान में गलत तरीके से परिसीमन किया गया है जिसे निरस्त किया जाना चाहिये।

अपनी आपत्ति में कांग्रेस नेताओं सहित वार्डवासियों ने कहा है कि नियमों को पूरी तरह ताक में रखकर वार्डों का परिसीमन किया गया है, जिसे लेकर कहा गया है कि वार्ड क्र. 09 ईतवारी बाजार के परिसीमन में स्पष्ट रूप से आदेश है कि वार्ड का परिसीमन क्षेत्र में किसी भी प्रकार से नेशनल हाईवे अथवा मुख्य मार्ग को लांघकर नहीं जोड़ा जाना चाहिये लेकिन वर्तमान में खैरागढ़ से राजनांदगांव जाने वाले राजमार्ग को लांघकर मतदाताओं अथवा जनसंख्या को जोड़ा गया है जो गलत है। इसी तरह मुख्य मार्ग बख्शी मार्ग को भी वार्ड क्र. 09 की परिसीमन सीमा को लांघकर जोड़ा गया है जो परिसीमन को अवैध व निरस्त किये जाने योग्य है। दूसरी ओर वार्ड क्र. 12 अमलीपारा में हुये नये परिसीमन में भी नियमों को तोड़ा गया है। नये परिसीमन में मुख्य सड़क को लांघकर जोड़ा गया है और वार्ड क्र. 12 अमलीपारा के कतिपय मतदाताओं को वार्ड क्र. 13 धनेली से जोड़ा गया है जिसकी दूरी तकरीबन 2 किमी है। इसलिये नया परिसीमन नागरिकों के हित में न्यायोचित नहीं है।

वार्ड क्र. 11 किल्लापारा व धरमपुरा को दो अलग-अलग वार्डों में तब्दील करने की मांग भी की गई है। एसडीएम को सौंपी गई लिखित आपत्ति में कहा गया है कि किल्लापारा व धरमपुरा दोनों ही मोहल्ले अलग वार्ड के रूप में अस्तित्व में आने योग्य है लेकिन पूर्व में परिसीमन के दौरान नियमों को ताक में रखकर दोनों इलाके को एक वार्ड बनाया गया है। कांग्रेस नेता अंकित चोपड़ा ने बताया कि परिसीमन के नियमों के अनुरूप मुख्य मार्ग अथवा मुख्य नदी की बाधा नहीं होनी चाहिये लेकिन धरमपुरा व किल्लापारा के बीच से न केवल राजनांदगांव मुख्य मार्ग पड़ता है बल्कि धमधा व्हाया रायपुर राजमार्ग भी पड़ता है साथ ही अंचल की प्रमुख नदियों में से एक पिपरिया नदी का भी मुख्य बहाव दोनों वार्डों के बीच से है जहां उच्च स्तरीय पुल भी बना हुआ है। जनसंख्या की दृष्टि से भी एक वार्ड होने के कारण नियमानुरूप यहां की जनसंख्या बहुत अधिक है। इसलिये नियमों के मुताबिक किल्लापारा व धरमपुरा को अलग-अलग वार्ड बनाया जाना चाहिये।

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