जेल में लोक अदालत लगाकर नि:शुल्क अधिवक्ता नियुक्त करने बंदियों को दी जानकारी

लोक अदालत में एक मामले का हुआ मौके पर निपटारा

सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. उपजेल खैरागढ़ (सलोनी) में 2 अक्टूबर महात्मा गांधी की जयंती अवसर पर जेल लोक अदालत का आयोजन किया गया जहां एडीजे व सीजेएम के समक्ष कम संगीन अपराधों में शामिल अपराधियों को पेश किया गया. छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर व अध्यक्ष आलोक कुमार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजनांदगांव के निर्देशानुसार उपजेल खैरागढ़ में राज्य स्तरीय जेल लोक अदालत का आयोजन हुआ जिसमें अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चन्द्र कुमार कश्यप व सीजेएम खैरागढ़ विवेक गर्ग जेल में उपस्थित हुये. न्यायालय के समक्ष कम संगीन अपराधों में शामिल अपराधियों को पेश किया गया जिसमें से एक मुकदमे का मौके पर ही निपटान किया गया. सीजेएम कोर्ट 1, कुल 1 प्रकरण इस जेल लोक अदालत में सफलतापूर्वक निपटाये गये. इस दौरान अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चन्द्र कुमार कश्यप ने विचाराधीन बंदियों को संबोधित करते हुये कहा कि जो बंदी अपने वेयर से अधिवक्ता नियुक्त करने में समर्थ नहीं हैं वह अपना एक आवेदन ताल्लुक विधिक सेवा समिति में जेल अधीक्षक के माध्यम से अपना आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं जहां से आपको आपके केस में पैरवी करने के लिये अधिवक्ता नि:शुल्क नियुक्त किया जाता है. आगे अध्यक्ष/न्यायाधीश तालुक विधिक सेवा समिति खैरागढ़ द्वारा विचाराधीन बंदियों का हालचाल पूछा गया और उनके स्वास्थ्य को लेकर भी अवगत हुये साथ ही उनकी समस्याओं को भी सुना गया और स्वास्थ्य केंद्र सहित पाकशाला का निरीक्षण किया गया. जेल की व्यवस्था को सुव्यवस्थित और सुदृढ़ करने के लिये सुझाव और दिशा-निर्देश दिये गये.

उक्त जेल लोक अदालत में पैरालीगल वालेंटियर गोलूदास साहू, प्रसन्न श्रीवास्तव, अमर जायसवाल, जेल अधीक्षक योगेश कुमार बंजारे उपजेल खैरागढ़ एवं सिपाही यशवंत कुमार नायक, प्रेम सागर साहू, प्रकाश कुर्रे, चुरामन प्रसाद कुर्रे व सोहन साहू उपस्थित रहे. ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर नें एक शानदार पहल शुरु की है जिसके तहत छत्तीसगढ़ में अब हप्ते में जेल लोक अदालत लगाई जायेगी जिसके तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजनांदगांव के अंतर्गत आने वाले उपजेल खैरागढ़ में भी लोक अदालत का आयोजन किया गया जिसका मुख्य उद्देश्य जल्द से जल्द जेल में रहने वाले कैदियों के साथ न्योचित उपाय किया जाये. बता दे कि इस पहल की शुरूआत छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के न्यायमूर्ती गौतम भादुड़ी ने रायपुर सेंट्रल जेल पहुंचकर जेल लोक अदालत का शुभारंभ किया था. ऐसा दूसरी बार हो रहा है जब राज्य स्तरीय पहल की जा रही है, जेल लोक अदालत प्रदेश में राज्य स्तरीय लोक अदालत में निरुद्ध बंदियों की रिहाई के संबंध में विचार किया जायेगा. अब यह पहल उन सभी कैदियों के लिये वरदान साबित होने वाली है जिन्होंने सुधार ग्रह में रहकर अच्छे आचरण और जीवन जीने के पाठ को सीख लिया है. राज्य जेल लोक अदालत के माध्यम से कैदियों के लिये उचित निर्णय और उनके बारे में सही जानकारी को लेकर यह पहल करने वाला छत्तीसगढ़ पहला राज्य बन गया है.

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