बाल संरक्षण व पॉक्सो एक्ट की स्कूली बच्चों को दी गई जानकारी
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. न्यायाधीश चन्द्रकुमार कश्यप की अध्यक्षता में जिले में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया. शिविर में स्कूली बच्चों को विशेषकर लैंगिक अपराधों से बाल संरक्षण अधिनियम 2012, पॉक्सो एक्ट, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई. इसके साथ ही गुड टच-बैड टच, बाल विवाह निषेध, मोटरयान अधिनियम के बारे में बताया गया. विधिक जागरूकता शिविर को संबोधित करते हुए न्यायाधीश चन्द्रकुमार कश्यप ने बताया कि जागरूकता ही बचाव का सबसे उत्तम साधन है. पॉक्सो एक्ट कानून 2012 में बना है, जो बालक बालिकाओं के अधिकारों का संरक्षण करता है. इसमें किसी भी प्रकार का बालक बालिकाओं का शोषण होता है तो कानूनी कार्रवाई की जाती है. गुड टच-बैड टच के बारे में कहा कि देशभर में महिला अपराध के साथ बाल अपराध की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है. बच्चों के शोषण से जुड़े मामले आये दिन सामने आ रहे हैं. ऐसी स्थिति में बदलते समय के साथ अब यह जरूरी हो गया है कि बच्चें भी अपनी सुरक्षा को लेकर अलर्ट रहें.
बच्चों में गुड टच-बैड टच की समझ विकसित करना बहुत जरूरी- एडीजे
न्यायाधीश ने शिविर में बच्चों को जानकारी देते हुए बताया कि बच्चों में गुड टच-बैड टच की समझ विकसित करना बहुत जरूरी है. ज्यादातर मामले में बच्चों को ये मालूम ही नहीं होता कि उन्हें किस तरह से छुआ जा रहा है. जब कोई आपको छूए और आपको उसका स्पर्श अच्छा लगे तो इसे गुड टच कहा जाता है. जब कोई आपको छूए और आपको ये बुरा लगे तो ये बैड टच होता है. इसके अलावा यदि कोई अनजान शख्स आपके प्राइवेट पार्ट को छूने का प्रयास करे तो ये भी बैड टच होता है. खुद जागरूक रहें और समय पर अपने माता पिता को इस संबंध में सूचित कर सकें. आगे बाल विवाह निषेध अधिनियम के बारे में बताते हुए कहा कि हमारे देश में विवाह की आयु लड़कियों की 18 साल और लडक़ों की 21 साल है. इस उम्र से पहले शादी करना-कराना कानूनी अपराध के अंतर्गत आता है जिसमें शामिल व्यक्तियों के लिए सजा का प्रावधान है.
ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, प्रदूषण प्रमाण पत्र और बीमा है आवश्यक
न्यायाधीश चंद्रकुमार कश्यप ने मोटर यान अधिनियम के बारे में बताते हुए कहा कि गाड़ी चलाने के लिए हेलमेट के साथ ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल), रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी), प्रदूषण प्रमाण पत्र और बीमा आवश्यक रूप से शामिल हैं. बीमा का महत्व बताते हुए कहा गया है कि यदि आपके द्वारा कोई एक्सीडेंट होता है जिसमें जान-माल की हानि होती है तो उसकी भरपाई बीमा कंपनी करती है और बीमा नहीं होने की स्थिति में वाहन चालाक या गाड़ी मालिक को करना होता है वहीं विद्यालय आते समय या कहीं भी आते जाते आपको किसी भी प्रकार की मदद की जरूरत लगती है तो आप पुलिस से हर संभव मदद ले सकते हैं. उदाहरण के तौर पर न्यायाधीश ने बताया कि अति हर चीज के विनाश का कारण बनता है. मोबाइल का कई लोग दुरुपयोग करते हैं किसी भी घटना को नजर अंदाज मत करो, जागरूकता से ही किसी बड़ी घटना से बचा जा सकता है. अगर आपको कोई बार-बार परेशान कर रहा है तो उसे अपने पेरेंट्स या टीचर्स को जरूर बतायें.