आसमान में बादलों का डेरा, मौसम में अचानक परिवर्तन से चिंता में किसान
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. बुधवार आधी रात से अचानक मौसम बदल गया है और आसमान में बादल छाने लगे. गुरुवार व शुक्रवार को दिनभर आसमान में धूप-छांव के साथ बादलों का डेरा रहा, बदली भरे मौसम के चलते साग-सब्जियों में कीट लगने की आशंका बढ़ गई है. ऐसे में सब्जी उत्पादक किसानों ने सब्जियों में दवा का छिड़काव करना शुरु कर दिया हैं और मौसम साफ होने की प्रार्थना करने लगे हैं.
त्यौहारी सीजन नजदीक आते ही साग-सब्जियों के दाम और मांग भी बढ़ने लगी हैं, ऐसे में सब्जी उत्पादक किसान अच्छी आमदानी होने की सोच रहे थे कि मौसम का मिजाज बिगड़ गया है. बीते रात से बादल छाए हुए हैं जिसके कारण वातावरण में उमस बनी हुई है. विशेषज्ञों की माने तो इस तरह की मौसम से सब्जियों में कीड़े लगते हैं. किसानों ने बताया कि पहले से बैंगन व लाल भाजी में कीट- व्याधियों का प्रकोप दिख रहा था और अब बदली छाने से फूलगोभी, पत्तागोभी, बैंगन आदि साग-भाजीयों में कीड़ा लग रहा है.
क्योंकि पिछले साल ऐसे मौसम में भारी मात्रा में कीड़े लग गए थे कारण आसमान में बादल आते ही फूलगोभी के फूल में दूसरे दिन वह फल बनता हैं लेकिन ऊपर में फोड़े निकल आते हैं और कीड़े पनप कर इसके रस को चूसने लगते हैं वही बैंगन में भी कीड़े हो जाता है. सब्जियों में बदली घातक बनकर कीट व्याधि का प्रकोप बढ़ा देते हैं इसके पनपने से किसानों की चिंता बढ़ गई है. साग-सब्जियों का उत्पादन गोपालपुर, अतरिया, दनिया, पांडादाह, घोटिया, छुईखदान, गंडई आदि गांवों के साथ आमनेर, पिपरिया व मुस्का नदी के किनारे बसे गाँवों में किया जा रहा है. लेकिन मौसम खराब होने से किसानों ने कीटनाशक दवाओं का छिड़काव शुरु कर दिया है.
मौसम परिवर्तन धान के लिए भी नुकसानदायक
हरूना की धान फसल पककर तैयार हो गई है लेकिन बदली भरे मौसम से धान के पौधे पर कीट लगता ही है, धान कटाई करके जमीन पर करपा छोड़ देने से कीट काटकर बाली को क्षति पहुंचा देते हैं. ऐसे में किसानों ने अंचल में धान की कटाई भी तेज कर दी है.
क्या कहते हैं किसान
फूलगोभी में कीड़े लगने की आशंका बनी हुई है. इस वजह से कीटनाशक का छिड़काव कर रहे हैं. सब्जियों में कीड़ा लग रहा है.
हितेश साहू, कृषक घोठिया
कीड़े लगने से सब्जियों के उत्पादन में फर्क पड़ता है. खराब मौसम को देखते हुए सब्जियों की कटाई कर कोचिया व्यापारी को दे रहे हैं.
लुकमान अली, प्रगतिशील कृषक पांडादाह