गहमा-गहमी के बीच गणेश विसर्जन को लेकर थाना में हुई बैठक झांकी के दौरान वाहनों में नहीं बंधेंगे डीजे

सत्यमेव न्यूज़ खैरागढ़. गणेश उत्सव के दौरान झांकी विसर्जन की रात को इस बार कानफोडू डीजे सिस्टम नहीं बजेगा नगर भ्रमण के दौरान वाहनों में डीजे नहीं बंधेंगे। पंडाल के समीप ही सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के निर्देशानुसार ध्वनि के निर्धारित मापदंड के अनुरूप ही डीजे बजा पाएंगे। बैठक में कहा गया कि नियम तोड़ने पर सीधे कार्रवाई होगी। इस आशय को लेकर खैरागढ़ एसडीएम टंकेश्वर साहू व एसडीओपी लालचंद मोहले, टीआई जितेन्द्र बंजारे की उपस्थिति में रविवार की शाम थाना परिसर में गणेश विसर्जन के मद्देनजर गणेशोत्सव समिति, नगर के विभिन्न गणेश पंडाल से निकलने वाली झांकी के सदस्य, डीजे एवं साऊण्ड सिस्टम संचालकों व मुस्लिम समाज की बैठक हुई। एसडीएम टंकेश्वर साहू ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण के दृष्टिगत हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन किया जाना आवश्यक है। आदेश में यह स्पष्ट है कि डीजे के माध्यम से अत्यधिक ध्वनि होने पर आम जनता को परेशानी होती है, जिसके लिए हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है। कोर्ट के निर्देशों का पालन करना होगा। विभिन्न राज्यों में ध्वनि प्रदूषण के कारण मृत्यु हुई है। बच्चों एवं बुजुर्गों पर इसका हानिकारक प्रभाव पड़ता है। आम जनता से भी झांकी के दौरान बजाए जाने वाले डीजे के दुष्प्रभाव के संबंध में नकारात्मक फीडबैक प्राप्त हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन करना हम सभी का दायित्व है।

निर्देशों के अनुरूप 55 डेसीबल से अधिक ध्वनि नहीं होनी चाहिए। इससे अधिक होने पर उच्चतम न्यायालय की अवमानना का प्रकरण बनेगा और नियम अनुरूप कार्रवाई की जाएगी। झांकी निकालने वाले सभी गणेशोत्सव समिति के पदाधिकारी वाहन पर साउंड बॉक्स बांधकर नहीं बजा पायेंगे। अगर वाहन में डीजे बॉक्स मिला तो सीधे जप्ती की कार्यवाही की जायेगी।

रोजी रोटी का हवाला देकर डीजे संचालकों ने कहा नियम लागू हुआ तो आत्महत्या की नौबत आ जाएगी

रोजी रोटी का हवाला देकर डीजे संचालकों ने एसडीएम टंकेश्वर प्रसाद साहू के सामने अपनी दारुण मांग रखी और कहा कि इसी से ही उनका घर-परिवार चलता है। आगे अनंत चतुर्दशी व नवरात्रि का त्यौहार आ रहा है, नियम लागू किया तो कोई काम नहीं देगा और काम नहीं मिला तो कारोबार चौपट हो जाएगा लोन नहीं पटा पाएंगे ऐसे में आत्महत्या करने की नौबत आ जाएगी। बैठक में अधिकारियों ने कहा कि डीजे बजाये लेकिन नियमों का पालन कर। 55 डेसीबल तक डीजे बजाया जा सकता है जो मानव जीवन के लिए संकट उत्पन्न नहीं करेगा। इस बीच विभिन्न गणेश उत्सव समिति के सदस्य बीच में ही बैठक छोड़कर चले गये और डीजे वाले लगातार नियमों में छूट देने की बात कहते रहे।

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