खैरागढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना पर सवाल, बफरा पंचायत में आरोपों से बढ़ा विवाद

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़। ग्राम पंचायत बफरा में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण को लेकर गंभीर विवाद सामने आया है। योजना के तहत गरीब एवं जरूरतमंद परिवारों को पक्का आवास उपलब्ध कराने का उद्देश्य है लेकिन बफरा पंचायत में सामने आए आरोपों ने इसकी पारदर्शिता और क्रियान्वयन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत में पदस्थ रोजगार सहायक राजेश कुमार साहू द्वारा हितग्राहियों से आवास की किस्त स्वीकृत कराने के बदले अवैध रूप से पैसों की मांग की जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि राशि नहीं दी जाती तो आवास की किस्त जानबूझकर रोकी जाती है या प्रक्रिया में अनावश्यक देरी की जाती है। इससे गरीब परिवारों को मानसिक और आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं ग्रामीणों ने पंचायत सचिव पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सचिव पंचायत कार्यालय में नियमित रूप से उपस्थित नहीं रहते जिससे जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र राशन कार्ड आवास योजना सहित अन्य महत्वपूर्ण पंचायत कार्य प्रभावित हो रहे हैं। पंचायत में प्रशासनिक अव्यवस्था की स्थिति बनी हुई है जिससे आम नागरिकों को बार-बार चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। ग्रामीणों में इस पूरे मामले को लेकर भारी नाराजगी देखी जा रही है। कई ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि शिकायत करने पर उन्हें दबाव में शिकायत वापस लेने का प्रयास किया जाता है जिससे वे खुलकर अपनी बात नहीं रख पा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हुई तो वे उच्च अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों से शिकायत करने को मजबूर होंगे वहीं दूसरी ओर सरपंच सरोजिनी लहरे ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इन्हें निराधार और राजनीति से प्रेरित बताया है। सरपंच का कहना है कि पंचायत की ओर से किसी भी हितग्राही से पैसे की मांग नहीं की गई है और कुछ लोग जानबूझकर पंचायत की छवि खराब करने का प्रयास कर रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ पात्र हितग्राहियों को नियमानुसार दिया जा रहा है। फिलहाल यह पूरा मामला प्रशासनिक जांच का विषय बन गया है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में इस तरह की अनियमितताओं पर रोक लग सके और योजना का लाभ सही मायने में जरूरतमंदों तक पहुंचे।

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