खैरागढ़ का ऐतिहासिक फतेह सिंह खेल मैदान: सरकारें बदली पर नहीं बदली मैदान की तस्वीर

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. संगीत नगरी के नाम से मशहूर जिला मुख्यालय खैरागढ़ का एकमात्र ऐतिहासिक फतेह सिंह खेल मैदान इन दिनों बदहाली और उपेक्षा की मार झेल रहा है। कभी प्रशासनिक, सांस्कृतिक और खेल आयोजनों का प्रमुख केंद्र रहा यह मैदान आज गंदगी, गड्ढों और नशेड़ियों का अड्डा बन चुका है। दिन में जहां युवा खिलाड़ी अभ्यास करने आते हैं वहीं शाम ढलते ही मैदान में असामाजिक गतिविधियों का बोलबाला हो जाता है।

दर्शक दीर्घा में नशेड़ियों का जमावड़ा लगना आम हो गया है। शराब की खाली बोतलें, कांच के टुकड़े और गंदगी से मैदान का माहौल बिगड़ चुका है। खिलाड़ी अभ्यास के दौरान चोटिल हो रहे हैं, खासकर महिला खिलाड़ियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मैदान में जगह-जगह गहरे गड्ढे हो गए हैं, जिससे खिलाड़ी गिरकर घायल हो रहे हैं।

खिलाड़ियों के लिए बनाए गए शौचालय बदबू और गंदगी से इस कदर भर चुके हैं कि उनका उपयोग तक संभव नहीं रह गया है। नियमित सफाई के अभाव में खेल गतिविधियों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।

मुख्य नगर पालिका अधिकारी नरेश वर्मा ने बताया कि हाल ही में जिला प्रशासन के साथ बैठक में मैदान की मरम्मत, शौचालयों के सुधार, हाईमास्ट लाइट लगाने और दर्शक दीर्घा में टीन शेड निर्माण की योजना पर चर्चा हुई है। गड्ढों को भरने के लिए मिट्टी अथवा मुरूम डाली जाएगी, वहीं गंदगी की शिकायत पर तत्काल सफाई कराने और असामाजिक तत्वों पर नियंत्रण के लिए पुलिस की सहायता लेने की बात कही गई है।

स्थानीय नागरिकों और खिलाड़ियों ने कहा है कि केवल योजना और आश्वासन से कुछ नहीं होगा। जिला प्रशासन और स्थानीय जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों के मार्गदर्शन में नगर पालिका को जल्द से जल्द ठोस और प्रभावी कदम उठाने होंगे। फतेह सिंह खेल मैदान खैरागढ़ की पहचान है, इसकी उपेक्षा संगीत नगरी और जिला मुख्यालय की छवि को धूमिल कर रही है।

फतेह मैदान की दुर्दशा को खत्म करने खिलाड़ियों सहित नागरिकों ने मांग की है कि मैदान को स्वच्छ, सुरक्षित और खेल योग्य बनाया जाए। खिलाड़ियों ने मांग की है कि मैदान को साफ-सुथरा और सुरक्षित बनाया जाए, नियमित निगरानी की जाए और असामाजिक गतिविधियों पर सख्त नियंत्रण लगाया जाए। ताकि खैरागढ़ के युवाओं को एक सुरक्षित, प्रेरणादायी और सकारात्मक वातावरण मिल सके।

खैरागढ़ का ऐतिहासिक और प्रमुख फतेह सिंह खेल मैदान इन दिनों अतिक्रमण की चपेट में आ गया है। लगभग 140 साल पुराने इस मैदान के मुख्य द्वार के सामने सड़कों पर अस्थायी दुकानों की कतारें लग चुकी हैं जिससे मैदान का प्रवेश द्वार पूरी तरह से बाधित हो गया है और इसकी सुंदरता पर ग्रहण लग चुका है। खिलाड़ियों और स्थानीय नागरिकों का कहना है कि प्रशासन की अनदेखी के चलते मैदान के आसपास अतिक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। दुकानों के कारण मैदान में आने-जाने का रास्ता संकरा हो गया है और यातायात व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है। एक समय था जब फतेह सिंह मैदान में राष्ट्रीय और प्रादेशिक स्तर के खेल आयोजन होते थे, लेकिन अब मैदान की दुर्दशा और अतिक्रमण ने इसकी पहचान को धुंधला कर दिया है। मैदान में गंदगी, गड्ढे और अब अतिक्रमण इन तीन समस्याओं ने इसकी हालत और बिगाड़ दी है। स्थानीय निवासी और पूर्व खिलाड़ी अभिलेख सिंह ने कहा, “यह मैदान हम सबकी धरोहर है, लेकिन जिम्मेदारों की निष्क्रियता के चलते यह अपनी गरिमा खोता जा रहा है।

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