प्रोफेसर के सेक्स वीडियो के बाद विरोध में विश्वविद्यालय की छात्राएं भी आयी सामने
छात्राओं ने कहा प्रोफेसर सुशांत दास गलत नियत से उनके अंगों को छूते हैं
जो छात्राएं समझौता नहीं करती उन्हें की जाती है असफल करने की कोशिश
मामले में लगातार विरोध कर रही हैं प्रदेश में सत्तासीन कांग्रेस पार्टी की एनएसयूआई विंग
प्रवेश नहीं मिलने से रिपोर्टिंग के लिये पहुंचे पत्रकारों ने भी की विवि के खिलाफ नारेबाजी
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में पदस्थ ओडिसी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सुशांत दास का सेक्स वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद अब विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने भी प्रोफेसर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. दरअसल विश्वविद्यालय के ओडिसी विभाग में शिक्षक की अश्लीलता को लेकर चल रहा विवाद अब और संगीन हो गया है. विभाग में ही अध्ययनरत छात्र खासतौर पर छात्राओं ने एनएसयूआई के छात्र नेताओं के साथ हिम्मत दिखाते हुये प्रोफेसर सुशांत दास की अश्लील हरकतों का आज मीडिया के सामने पर्दाफाश किया है. मंगलवार को ओडिसी विभाग की छात्राएं प्रोफेसर दास के विरोध में आगे आयी हैं. एनएसयूआई से जुड़े छात्रों के साथ ओडिसी नृत्य सीखने वाली छात्राओं ने भी विश्वविद्यालय के कैम्पस-2 के सामने विवि प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और प्रोफेसर सुशांत दास को बर्खास्त करने की मांग की.
अश्लीलता की हद पार कर देते हैं प्रोफेसर
मामले को लेकर छात्रों के साथ पीडि़त छात्राओं ने बताया कि बीते चार सालों से प्रोफेसर दास छात्राओं पर गलत नियत रखते हुये उनके अंगों को छूते रहे हैं और जो छात्राएं इसका विरोध करती हैं उन्हें परीक्षा में फेल करने की कोशिश करना, छात्रवृत्ति रोकना जैसा कार्य भी प्रोफेसर करते रहे हैं जिसके कारण छात्र-छात्राएं डर-भय में यहां अध्ययन कर रहे हैं. छात्राओं ने बताया कि जो छात्र पढ़ाई पूरी कर विश्वविद्यालय से निकल चुके हैं उनके साथ भी प्रो.दास के द्वारा इसी तरह का व्यवहार किया जाता रहा है. उनके पास प्रो.दास का ऑडियो क्लीप भी है जिसमें उनके द्वारा की गई गलत कार्यों का उल्लेख भी है जिसे विरोध करने पहुंची छात्राओं ने कुलसचिव प्रो.डॉ.आईडी तिवारी को सुनाना चाहा लेकिन उन्होंने मना कर दिया. छात्राओं का कहना है कि भविष्य में ओडिसी नृत्य सीखने प्रवेश लेने वाले नये छात्रों के साथ इस तरह का दुव्र्यवहार न हो इसके लिये वे सामने आयी हैं और विश्वविद्यालय प्रशासन से लगातार मांग कर रही हैं कि जल्द से जल्द प्रो.सुशांत दास को बर्खास्त कर नये शिक्षक की नियुक्ति की जाये. ज्ञात हो कि प्रो.दास का सेक्स वीडियो वायरल होने के बाद सत्तासीन कांग्रेस पार्टी की एनएसयूआई विंग ने विरोध प्रदर्शन कर प्रो.सुशांत को बर्खास्त करने की मांग की थी लेकिन सप्ताहभर बाद भी विवि प्रशासन के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किये जाने के बाद पुन: एनएसयूआई के साथ ओडिसी विभाग की छात्राएं भी प्रो.दास के विरोध में उतरी और उन्हें बर्खास्त करने की मांग की.
कलेक्टर ने मामले में जांच कमेटी का किया गठन
दूसरी ओर मामले में शिकायत मिलने के बाद कलेक्टर डॉ.जगदीश सोनकर ने पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेते हुये मामले की उचित जांच के लिये कमेटी का गठन किया है. कमेटी के सदस्यों द्वारा प्रो.सुशांत दास के सोशल मीडिया में वायरल हो रहे सेक्स वीडियो की जांच की जायेगी जिसके बाद ही उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही की जायेगी. इधर विश्वविद्यालय के कुलसचिव का कहना है कि विश्वविद्यालय के लिये निहित विशाखा गाईडलाईन के तहत जांच व आगे की कार्यवाही की जायेगी. दरअसल विशाखा गाईडलाईन के तहत किसी भी बालिका छात्रा के साथ हो रहे अश्लील व्यवहार अथवा दुराचार के विरूद्ध जांच-कार्यवाही होती है लेकिन इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन अब क्या कार्यवाही करेगा यह भविष्य के गर्भ में है. इस मामले में एक बात यह भी गौरतलब है कि पूर्व में भी विश्वविद्यालय में पदस्थ शिक्षक के विरूद्ध छेडख़ानी व अश्लीलता जैसे प्रकरण सामने आये थे लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन से उचित व त्वरित कार्यवाही नहीं हो पायी थी.
इधर पुलिस ने प्रोफेसर की रिपोर्ट पर अज्ञात लडक़ी के विरूद्ध दर्ज किया अपराध
एनएसयूआई द्वारा प्रो.सुशांत दास के विरूद्ध अश्लील वीडियो प्रकरण को लेकर किये जा रहे विरोध प्रदर्शन के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने वायरल वीडियो की जांच के लिये पुलिस को मामला सौंप दिया था जिसके बाद प्रोफेसर सुशांत दास ने थाने में पहुंचकर सोशल मीडिया में एक लडक़ी के द्वारा अश्लील वीडियो बनाने तथा ब्लैकमेलिंग करने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी जिस पर खैरागढ़ थाने में अज्ञात लडक़ी के विरूद्ध आईपीसी की धारा 384 जबरन वसूली करने को लेकर अपराध पंजीबद्ध कर मामले की जांच विवेचना की जा रही है.
छात्राओं के साथ प्रवेश नहीं मिलने से विवि प्रशासन के खिलाफ पत्रकारों ने की नारेबाजी
कार्यवाही की मांग को लेकर विश्वविद्यालय पहुंची छात्राओं के साथ प्रवेश नहीं मिलने व जबरिया तालाबंदी कर देने से नाराज रिपोर्टिंग के लिये पहुंचे पत्रकारों ने भी विवि प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और विश्वविद्यालय प्रशासन के रवैय्ये को भेदभाव पूर्ण बताया. इससे पहले तकरीबन घंटेभर तक छात्रों के द्वारा विवि प्रशासन सहित प्रो.सुशांत दास के विरूद्ध जमकर नारेबाजी की गई. कुछ देर बाद छात्राओं को कुलसचिव आईडी तिवारी ने अंदर बुलाकर उनसे आवेदन लिया और मामले की जानकारी ली, इस दौरान कुलसचिव ने छात्राओं को कहा कि मामले की उचित जांच करने के बाद ही कोई उचित निर्णय जायेगा.
सेक्स वीडियो वायरल मामले की जांच को लेकर थाने में शिकायत की गई है जिसकी जांच पुलिस द्वारा की जा रही है, छात्रों द्वारा प्रो.सुशांत दास के विरूद्ध शिकायत की गई है, विशाखा गाईडलाईन के तहत जांच-विवेचना कर उचित निर्णय लिया जायेगा.
प्रो.आईडी तिवारी, कुलसचिव इंकसंविवि खैरागढ़