इस्तीफा फर्जी! पालिका अध्यक्ष ने विधायक व संगठन के नेताओं के साथ थाने में की शिकायत

सत्यमेव न्यूज/खैरागढ़. शनिवार को इस्तीफे के घटनाक्रम के बाद पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा, विधायक व कांग्रेस संगठन के नेताओं के साथ थाने पहुंच कर लिखित में शिकायत दर्ज कराई. खैरागढ़ थाना प्रभारी को सौपें शिकायत पत्र में पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा ने सीएमओ प्रमोद शुक्ला व अन्य के विरुद्ध शिकायत की है. शिकायत में कहां गया है कि अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा का हस्ताक्षरयुक्त लेटर पैड नगर पालिका के अध्यक्ष कक्ष में रखा हुआ था जिसे उनकी जानकारी के बगैर इस्तीफे का मजमून तैयार कर अवर सचिव छत्तीसगढ़ शासन रायपुर को भेजा गया है. पत्र वार्ता में

खैरागढ़ थाने में सौपें शिकायत पत्र की कॉपी वितरित कर बताया गया कि नगर पालिका अध्यक्ष ने कभी इस्तीफा दिया ही नहीं है. 13 फरवरी को श्री वर्मा अपने बच्चों का इलाज कराने डॉ. अनिल जैन के क्लिनिक भिलाई गए हुए थे और इस दिन पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा ने नगर पालिका में कदम तक नहीं रखा है. जिसके लिए पालिका के सीसीटीवी कैमरे की जांच करने की मांग की गई है. कूट रचना कर इस्तीफे का कागज तैयार किया गया है जो गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है. मामले की जांच व पुलिस कार्रवाई के लिए विधायक यशोदा वर्मा सहित कांग्रेसियों ने थाने में आवेदन किया है.

थाने में शिकायत के बाद पत्रवार्ता को संबोधित करते हुए पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा ने कहा कि उन्हें इस्तीफे की जानकारी ही नहीं थी, 13 फरवरी को वह अपने बच्चों का इलाज कराने भिलाई गए हुए थे. अवर सचिव को इस्तीफा भेज कर तीन दिन बाद 17 फरवरी को इसे वायरल किया गया है. श्री वर्मा ने आरोप लगाया कि इस्तीफे का कागज सीएमओ प्रमोद शुक्ला के माध्यम से ही सोशल मीडिया में वायरल किया गया है. पूरे मामले में जांच व एफआईआर के लिए थाना प्रभारी को शिकायत पत्र दिया गया है.

पत्रवार्ता को संबोधित करते हुए विधायक श्रीमती यशोदा नीलांबर वर्मा ने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को कमजोर करने पालिका अध्यक्ष पद मुक्त करने की नीयत से एक बड़ा षड्यंत्र रचा गया है. 13 फरवरी को अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा भिलाई अपने बच्चों को उपचार के लिए गए थे जिसका पूरा प्रमाण है. उन्होंने सीधे तौर पर आरोप लगाया कि यह बीजेपी का षड्यंत्र है. अगर जांच में कोताही हुई और न्याय नहीं मिला तो हम कोर्ट जाएंगे वहीं वार्ता में सवाल का जवाब देते हुए विधायक श्रीमती वर्मा ने कहा कि यह कांग्रेस के खिलाफ गंभीर साजिश है, मैं विधानसभा में ध्यान आकर्षण में यह मुद्दा उठाऊंगी. कांग्रेस नेता मनराखन देवांगन ने कहा कि अगर इस्तीफा देते तो इसे सार्वजनिक किया जाता है, यह पूरा षड्यंत्र है इसलिए बात दबी-छुपी रही. उन्होंने पूरे मामले में नगर पालिका अधिनियम की धारा 41 (ख) का हवाला देते हुये बताया कि इस्तीफा अनैतिक और षड्यंत्रकारी है. सोमवार को रायपुर अवर सचिव के पास जाएंगे वहीं कलेक्टर से भी मामले की जांच के लिए निवेदन किया जाएगा. पत्रवार्ता में वरिष्ठ कांग्रेस नेता नीलांबर वर्मा व शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भीखम चंद छाजेड़ ने भी अपना पक्ष रखा. इस दौरान कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष आकाशदीप सिंह गोल्डी, विधायक प्रतिनिधि अंकित चोपड़ा, जिपं सभापति विप्लव साहू, पार्षद दीपक देवांगन, शत्रुघ्न धृतलहरे, पुरुषोत्तम वर्मा, सुमित टांडिया, सूर्यकांत यादव, नदीम मेमन, पार्षद प्रतिनिधि दयाराम पटेल, राधे पटेल, पूरन सारथी, भरत चंद्राकर व समीर कुरैशी सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसी उपस्थित थे.

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