हाई कोर्ट ने 30 दिन के भीतर मामले की निराकरण के दिये निर्देश
इस्तीफा प्रकरण के बाद नगर पालिका में स्थितियां है असामान्य
सत्यमेव न्यूज/खैरागढ़. नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा के इस्तीफा प्रकरण को लेकर जारी प्रतिरोध के बीच हाई कोर्ट ने 30 दिन के भीतर मामले के निराकरण के निर्देश दिए हैं. जानकारी अनुसार बीते 13 फरवरी को नगर पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा के द्वारा इस्तीफा दिया गया ऐसी खबर 17 फरवरी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हुई. पालिका अध्यक्ष के इस्तीफे की खबर वायरल होने के बाद 18 फरवरी को पालिका अध्यक्ष ने खैरागढ़ विधायक यशोदा वर्मा व संगठन के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर खैरागढ़ थाने में शिकायत दर्ज कराई कि उनके खिलाफ षड्यंत्र के तहत इस्तीफे की साजिश रची गई है. मामले में 13 फरवरी को नगर पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा के हस्ताक्षर युक्त लेटर पैड से इस्तीफे को अवर सचिव नगरी प्रशासन मंत्रालय रायपुर को प्रेषित किया गया यह भी कहा जा रहा है कि 13 फरवरी को ही अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा रायपुर नगरी प्रशासन मंत्रालय गए थे और इस्तीफा दिया गया है लेकिन अध्यक्ष श्री वर्मा का आरोप है कि कूटरचना रचना व साजिश के तहत उनके हस्ताक्षर युक्त लेटर पैड से इस्तीफा तैयार किया गया है. इस पूरे मामले के बाद राजनीतिक गहमा-गहमी के बीच 18 फरवरी को विधायक नगर पालिका अध्यक्ष सहित कांग्रेस संगठन के पदाधिकारी ने पत्र वार्ता लेकर नगर पालिका परिषद के अधिकारियों व भाजपा पर आरोप मढ़ा था कि नगर पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा को एक साजिश के तहत पालिका अध्यक्ष पद से हटाया जा रहा है.
पालिका अध्यक्ष वर्मा ने हाई कोर्ट की ली थी शरण
इन गतिविधियों के बीच नगर पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा ने बिलासपुर जाकर हाईकोर्ट में पूरे मामले को लेकर अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से शरण ली थी जिसका फैसला गुरुवार 29 फरवरी को आया है जिसमें हाई कोर्ट ने विधि सम्मत टिप्पणी करते हुए कहा है कि नगरी निकाय प्रशासन 30 दिन के भीतर में मामले की जांच कर निराकरण करें. मामले में हाईकोर्ट के विद्वान न्यायाधीश राकेश मोहन पांडे ने याचिकाकर्ता पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा के अधिवक्तागण गोविंद राम मिरी, बसंत कैवर्त्य और केशव प्रसाद गुप्ता की दलीलो को सुनकर नगरी प्रशासन मंत्रालय छत्तीसगढ़ शासन, नगरी प्रशासन मंत्रालय के अवर सचिव, कलेक्टर खैरागढ़ व मुख्य नगर पालिका अधिकारी खैरागढ़ को मामले के 30 दिन के भीतर निपटारे के निर्देश दिए हैं.
मैंने इस्तीफा दिया ही नहीं तो अध्यक्ष पद से कैसे हट गया- शैलेन्द्र वर्मा
हाई कोर्ट का निर्णय आने के बाद पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा ने कहा है कि मैंने इस्तीफा दिया ही नहीं तो अध्यक्ष पद से कैसे हट जाऊंगा. क्या एक कागज का फर्जी टुकड़ा किसी भी जीवित व्यक्ति के बयान से बढ़कर है. श्री वर्मा ने कहा है कि उनके साथ अगर अन्याय हुआ तो वह न्यायिक लड़ाई लड़ेंगे. शैलेन्द्र ने बताया कि कल कलेक्टर व सीएमओ के पास वह कांग्रेस संगठन के प्रतिनिधियों के साथ अध्यक्ष कार्यकाल का निर्वहन करने को लेकर अपना अभिमत पत्र सौपेंगे.
जब तक निर्देश नहीं मिल जाता अध्यक्षीय कार्य स्थगित रहेगा- सीएमओ
पूरे मामले को लेकर नगर पालिका परिषद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रमोद शुक्ला ने टिप्पणी करते हुए कहा है कि क्योंकि शैलेंद्र वर्मा के द्वारा दिया गया इस्तीफा प्रकरण मंत्रालय तक पहुंच गया है इसलिए जब तक उच्च अधिकारियों से दिशा निर्देश अथवा शासन स्तर पर कोई आदेश नहीं आ जाता नगर पालिका में अध्यक्षीय कार्य स्थगित रहेगा.