असफलता से सेवा तक: एक युवक जिसने बेरोजगार युवाओं के सपनों को वर्दी पहनाई

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़। पुलिस भर्ती में स्वयं शारीरिक दक्षता परीक्षा में असफल होने के बाद भी हार न मानते हुए एक युवक ने अपनी असफलता को समाज की सबसे बड़ी सफलता में बदल दिया। खैरागढ़ के पिपरिया निवासी लकेश्वर जंघेल आज उन सैकड़ों बेरोजगार युवाओं के लिए आशा का केंद्र बन चुके हैं जो आर्थिक अभाव के कारण अपने सपनों को साकार नहीं कर पाते थे।

लकेश्वर जंघेल के मार्गदर्शन में निःशुल्क प्रशिक्षण पाकर बीते पाँच वर्षों में 90 से अधिक युवक-युवतियाँ पुलिस एवं सेना में चयनित हो चुके हैं। यह उपलब्धि किसी संस्था या सरकारी सहायता से नहीं बल्कि व्यक्तिगत संकल्प, सेवा भावना और सामाजिक उत्तरदायित्व से संभव हुई है।

5 साल पहले स्वयं पुलिस अफसर बनने का सपना संजोए लकेश्वर जंघेल शारीरिक परीक्षा में असफल हुए किंतु उन्होंने इसे अंत नहीं बल्कि नई शुरुआत माना। उन्होंने तय किया कि वे उन युवाओं के लिए मार्गदर्शक बनेंगे जो प्रतिभावान तो हैं लेकिन संसाधनों के अभाव में पीछे रह जाते हैं। इसी संकल्प के साथ उन्होंने फतेह मैदान में बिना किसी सुविधा के प्रशिक्षण देना प्रारंभ किया।

लकेश्वर बीते 5 वर्षों से युवाओं को दौड़, ऊँची कूद, लंबी कूद, गोला फेंक सहित पुलिस भर्ती की सभी शारीरिक प्रक्रियाओं का निःशुल्क प्रशिक्षण दे रहे हैं। इस वर्ष उनके मार्गदर्शन में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले 55 युवाओं में से 35 का चयन पुलिस भर्ती में हुआ जो खैरागढ़ क्षेत्र के लिए एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।

लकेश्वर जंघेल द्वारा स्थापित ड्रीम्स एकेडमी आज केवल खैरागढ़ ही नहीं बल्कि राजनांदगांव, मोहला-मानपुर, दुर्ग, बस्तर और नारायणपुर जैसे दूरस्थ जिलों के युवाओं के लिए भी प्रशिक्षण का केंद्र बन चुकी है। सीमित संसाधनों में संचालित यह एकेडमी सेवा और समर्पण का जीवंत उदाहरण है। युवा प्रेरक लकेश्वर के प्रशिक्षण से निकले अनेक युवा आज समाज के लिए प्रेरणा हैं। देवेंद्र देवांगन जो कभी बकरी चराकर परिवार का पालन करते थे आज पुलिस विभाग में चयनित होकर आत्मनिर्भर बने हैं। किशन ठाकुर जो लगातार पाँच वर्षों तक असफल होते रहे इस बार सफलता हासिल कर सके। जुगेश्वरी पटेल (कटंगीखुर्द) जिन्होंने सामाजिक और पारिवारिक विरोध के बावजूद पुलिस भर्ती में चयन पाकर क्षेत्र की बेटियों के लिए नई राह खोली।

केवल शारीरिक प्रशिक्षण ही नहीं बल्कि लिखित परीक्षा की तैयारी के लिए भी लकेश्वर जंघेल के साथ ओंकार वर्मा, सौरभ वर्मा एवं बैधनाथ वर्मा निःशुल्क मार्गदर्शन दे रहे हैं ताकि कोई भी युवा केवल सही दिशा के अभाव में पीछे न रह जाए और इनका एक ही उद्देश्य है कि सपनों को अवसर देना ही है। लकेश्वर जंघेल का कहना है कि मेरा लक्ष्य केवल नौकरी दिलाना नहीं बल्कि उन युवाओं को आत्मविश्वास देना है जिनके सपनों को हालात ने रोक रखा है। उनके प्रयासों से क्षेत्र के युवाओं में न केवल रोजगार के अवसर बढ़े हैं बल्कि आत्मबल, अनुशासन और राष्ट्रसेवा की भावना का भी विकास हुआ है जो खैरागढ़ जैसे नए नवले और सीमित संसाधनों वाले जिले के लिए एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।

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